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न्याय प्रणाली पर है बड़ी जिम्मेदारी, खत्म होंगे पेचीदा कानून : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए देश को अच्छे कानूनी संस्थानों की स्थापना और सक्षम लोगों की जरूरत है। मोदी ने यहां मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की न्यायिक प्रणाली में लोगों का बहुत विश्वास है। हमें आने वाले सालों में इस क्षेत्र में कदम रखने वाले मानवसंसाधन को सक्षम बनाने की जरूरत है। जो कानून पेचीदगी भरे व पुराने हो चुके हैं उन्हें भी बदला जाएगा व उनके स्थान पर नए कानून का प्रावधान तैयार किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह सोचना पड़ेगा कि हम किस तरह से अच्छे कानूनी संस्थानों की स्थापना कर सकते हैं।

इस सम्मेलन का उद्घाटन मोदी ने किया। मोदी ने कहा, “देश की न्याय प्रणाली पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। वास्तव में, हम सभी अपने सामथ्र्य और क्षमताओं के मुताबिक जिम्मेदारियों को उठा रहे एक ही तरह के लोग हैं। लेकिन न्यायप्रणाली में कार्यरत लोगों के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। ये जो काम करते हैं वह पवित्र है। भगवान ने आपको इस ईश्वरीय जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए भेजा है।” उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को शक्तिशाली और संपूर्ण दोनों होना चाहिए। यह एक ऐसा स्थान है, जिस पर आम लोगों को विश्वास है।

लंबित मामलों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि लोगों को यह सोचने की जरूरत है कि बिजली के बिना व अन्य जटिलताओं के बीच अदालतें किस तरह से काम करती हैं। मोदी के मुताबिक, “हम सभी अदालतों में लंबित पड़े मामलों के बारे में बात करते हैं। लेकिन क्या हमने कभी न्यायपालिका द्वारा उन मामलों पर खर्च किए गए समय या इस दौरान आ रही समस्याओं के बारे में सोचा है।”
न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में हम जितनी जल्दी प्रौद्योगिकी लाएंगे। उतनी ही सरलता से यहां गुणात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। कोई भी जिम्मेदारी एकतरफा नहीं होती। यदि हम न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी का अधिक इस्तेमाल करेंगे तो यह उतने ही बेहतर तरीके से काम करेगी।

उन्होंने कहा कि लोक अदालत व्यवस्था पर बल देना चाहिए। इनसे गरीबों का फायदा होगा। पूर्व न्यायाधीशों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब क्राइम बढ़ता जा रहा है, क्रिमिनल, साइबर क्राइम, मैरीटाइम, स्पेस आदि को लेकर भी समस्या आएगी। इस पर ध्यान देते हुए गुजरात में बतौर सीएम फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई गई ताकि न्यायिक व्यवस्था में सुधार हो।

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मिर्जापुर में बोले पीएम मोदी- हमारे देश का पवित्र संविधान इंडी गठबंधन के निशाने पर है

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मिर्जापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मिर्जापुर के बरकछा में एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ का ये म​हीना हमारी परंपरा में विशेष होता है और इसका हर मंगलवार बहुत खास होता है. इस बार का बुढ़वा मंगल और भी विशेष है, क्योंकि 500 साल बाद ये पहला बुढ़वा मंगल होने वाला है, जब बजरंग बली के प्रभु राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजे होंगे. 6 चरणों के मतदान में देश ने तीसरी बार भाजपा-एनडीए की मजबूत सरकार को पक्का कर दिया है. भारत ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाने का मन क्यों बनाया? इसका सीधा-सीधा कारण है- नेक नीयत, नेक नीतियां और राष्ट्रनिष्ठा.

पीएम मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन वालों को देश अच्छी तरह जान गया है. ये लोग घोर सांप्रदायिक हैं. ये लोग घोर जातिवादी हैं. ये लोग घोर परिवारवादी हैं. जब भी इनकी सरकार बनती है, ये लोग इसी आधार पर फैसला लेते हैं. कानून व्यवस्था और समाजवादी पार्टी का छत्तीस का आंकड़ा है। जो आतंकी पकड़े जाते थे, उनको भी ये सपा वाले छोड़ देते थे। जो पुलिस अफसर इसमें आनाकानी करता था, सपा सरकार उसे सस्पेंड कर देती थी। इन्होंने पूरे यूपी को, पूर्वांचल को माफिया का सुरक्षित ठिकाना बना दिया था। जीवन हो या जमीन, कब छिन जाए कोई नहीं जानता था और सपा सरकार में माफिया को भी वोटबैंक के हिसाब से देखा जाता था।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश का पवित्र संविधान भी इनके (इंडी गठबंधन) निशाने पर है। ये SC-ST-OBC का आरक्षण लूटना चाहते हैं। हमारा संविधान साफ-साफ कहता है, धर्म के आधार आरक्षण हो ही नहीं सकता. 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था। तब सपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था, जैसे दलितों, पिछड़ों को आरक्षण मिला है, वैसे ​ही मुसलमानों को भी आरक्षण दिया जाएगा। सपा ने कहा था, वो इसके लिए संविधान तक बदल देगी। सपा ने घोषणा की थी कि पुलिस और पीएसी में भी 15 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दिया जाएगा। ये लोग अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किस तरह SC-ST-OBC का हक छीनने पर तुले हुए थे।

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