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उत्तराखंड

नैनीताल हाईकोर्ट ने ग्लेशियर-झील-झरनों को भी माना जीवित

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नैनीताल हाईकोर्ट, उत्तराखंड उच्च न्यायालय, गंगा, यमुना,

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देहरादून । नैनीताल उच्च न्यायालय के कुछ निर्णय पूरे विश्व के लिए चर्चा का केन्द्र बने हुए हैं। इनमें गंगा, यमुना जैसी नदियों के बाद हिम ग्लेशियरों के साथ झरनों, झीलों, घास के मैदानों को भी जीवित घोषित करना शामिल है, जो अपने आप में अप्रतिम है। अब तक प्रकृति के इन अनमोल धरोहरों के प्रति लोगों का शोषणपूर्ण रवैया इन्हें लुप्त प्राय करने की ओर अग्रसर था, लेकिन उच्च न्यायालय नैनीताल के इस निर्णय से प्रदेश के ग्लेशियरों, झील, झरनों, घास के मैदान को जीवित घोषित करने से इनकी रक्षा में पहल होगी।
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पहले भी न्यायालय ने एक याचिका पर गंगा और यमुना को जीवित नदी का दर्जा दिया था। ललित मिगलानी नाम के याची की ओर से दी गई याचिका में न्यायालय ने इन प्रकृति के धरोहरों को जीवित घोषित करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव सचिव सहित छह लोगों को अभिभावक नियुक्त किया है, जो अपने आप में एक विश्व कीर्तिमान होगा।

उच्च न्यायालय नैनीताल ने कहा कि प्रदेश के ग्लेशियरों, घास के मैदानों झरनों आदि को भी संविधान प्रदत्त मूल अधिकारों के समान अधिकार दिए जाएंगे। यह निर्णय भी वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने दिया है। उन्होंने अपने निर्णय में स्पष्ट किया है कि गंगोत्री, यमुनोत्री सहित अन्य ग्लेशियरों, नदियों, जलधाराओं, जंगल, जलप्रपातों, झीलों, हवा, झरने, स्रोत, घास के मैदान आदि को वही अधिकार होंगे,जो एक जीवित व्यक्ति को मिलते हैं।
उच्च न्यायालय नैनीताल ने इस प्रकरण में उत्तराखंड के मुख्य सचिव, नमामि गंगेनिदेशक, गंगा स्वच्छता राष्ट्रीय मिशन के निदेशक ईश्वर सिंह समेत कई लोगों को इनका अभिभावक बनाया है ताकि इनकी रक्षा में विशेष पहल हो सके। अब आदमी की तरह इनको क्षति पहुंचाने पर न्यायिक कार्यवाही की जा सकेगी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय का यह निर्णय प्रदेश में ही नहीं देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। पर्यावरणविद् मानने लगे हैं कि इस निर्णय का लाभ निश्चित रूप से प्रकृति के इन प्रतीकों को मिलेगा, जो अब जीवित माने जाएंगे।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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