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नेताजी से जुड़ा सच सामने ला सकती है सरकार, रिव्यू के लिए कमेटी गठित

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नई दिल्ली। महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी से जुड़े रहस्यों से जल्द पर्दा उठ सकता है। इस संबंध में मोदी सरकार ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) के रिव्यू के लिए एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी का नेतृत्व कैबिनेट सचिव कर रहे हैं जो कि नेताजी की गुमशुदगी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पर विचार करेगी। कमेटी में आईबी, गृह मंत्रालय और पीएमओ के अफसर शामिल होंगे। इस कमेटी की पहली बैठक गुरुवार को होने की संभावना है।

केंद्र सरकार की ओर से कमेटी बनाए जाने पर नेताजी के परिवार ने खुशी जताई है। इस संबंध में नेताजी के परपोते चंद्र बोस ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी कमेटी का गठन हो जाएगा वो भी तब जब पीएम विदेशी दौरे पर हैं। सरकार की ओर से इतना जल्दी फैसला लिया जाना बहुत ही सकारात्मक है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जर्मनी में नेताजी के परपोते ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद सूर्य बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था।

बता दें कि नेताजी के रहस्मय ढंग से लापता होने से जुड़ी सीक्रेट फाइलों को सरकार ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) के तहत आज तक सार्वजनिक नहीं किया है। ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट-1923 जासूसी विरोधी (स्पाई और सीक्रेट एजेंट) एक्ट है जो कि ब्रिटेन साम्राज्य से चला आ रहा है। एक्ट में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी एक्शन जो देश के दुश्मनों को मदद दे, इस एक्ट के दायरे में आता है। इसमें यह भी कहा गया है कि कोई भी सरकार की ओर से प्रतिबंधित क्षेत्र, कागजात आदि को नहीं देख सकता और ना ही देखने की मांग कर सकता है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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