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नीतीश कुमार ने जीता विश्‍वास मत, पक्ष में पड़े 131 वोट  

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पटना। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया। प्रस्‍ताव के बाद नीतीश के पक्ष में 131 वोट पड़े, जबकि विरोध में 108 वोट पड़े।

सुबह 11 बजे पेश होने वाला यह प्रस्ताव राजद के हंगामे के चलते 12 बजे के बाद पेश हो सका। प्रस्ताव पेश होने से पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हल्‍ला बोला और उनसे कई तीखे सवाल भी पूछे।

तेजस्वी ने कहा कि अगर हिम्मत थी तो मुझे बर्खास्त करके दिखाते। उन्होंने भाजपा के साथ जाने के लिए मुझे फंसा दिया। वह मेरा आत्मविश्वास देखकर डर गए।

हमने नीतीश जी पर कोई दबाव नहीं डाला। कौन सी नैतिकता और कौन सी विचारधारा है, यह दुनिया जानना चाहती है।

तेजस्वी ने नीतीश पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए सुशील मोदी के पास बैठते हुए। सबकुछ पहले से प्लान किया था। 28 साल की उम्र में क्या कुछ नहीं झेल रहा हूं मैं। पहले भाजपा ने बिहार की बोली लगाई अब सीएम की बोली लगाई है।

बता दें कि विधानसभा मुख्यमंत्री नीतीश को बहुमत साबित करना है और इसके लिए वो सुबह 10.30 बजे ही विधानसभा पहुंच गए थे। हालांकि उनके पहुचने के बाद राजद विधायकों ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया।

नीतीश कुमार के पहुंचते ही राजद विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और नीतीश कुमार इस्तीफा दो, नीतीश कुमार वापस जाओ, के जोरदार नारे लगाए।

बिहार विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू हुई और विधानसभा के भीतर भी राजद विधायक लगातार हंगामा करते रहे। इसी बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया और विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया।

नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। नीतीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है।

नीतीश पर आरोप लगाने के साथ ही एनडीए और जदयू के विधायक भी आक्रोशित हो गए। उन्‍होंने भी वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया।

राजद नेताओं ने एक सुर में नीतीश कुमार को धोखेबाज ठहराया है और कहा है कि सत्र तबतक नहीं चलने देंगे जबतक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते।

वहीं विधानसभा परिसर में जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए। बिहार में गुरुवार को राजग की नई सरकार बन गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो जदयू और एनडीए को मिलाकर कुल 132 विधायकों के समर्थन का दावा है जबकि बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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