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बिजनेस

नियामकीय ढांचा सुसंगत हो : आईटीसी

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कोलकाता| देश की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए नियामकीय ढांचा सुसंगत होना चाहिए और नीति तथा प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए, जिससे उद्यमिता हतोत्साहित नहीं हो। यह बात यहां शुक्रवार को आईटीसी के अध्यक्ष वाई.सी. देवेश्वर ने कही। कंपनी की सालाना आम बैठक में उन्होंने कहा, “व्यापार की सुविधा के लिए काफी कुछ किया जा चुका है, वहीं उद्योग के नियामकों और विकासकर्ताओं के लिए जिम्मेदार प्रतिस्पर्धात्मकता की साझा सोच भी उतनी ही जरूरी है।”

उन्होंने कहा कि नियामकीय नीतियां एक-दूसरे से अलग-थलग हैं और एक उद्येश्य की कीमत पर दूसरे को बढ़ावा दिया जा रहा है।उन्होंने कहा, “नीति और प्रक्रिया स्पष्ट, सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। स्वेच्छाचारी नियामकीय कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए और उद्यमिता को हतोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हर नियामकीय ढांचे को इस सवाल पर परखा जाना चाहिए कि क्या यह देश को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाएगा।”देवेश्वर ने कहा कि देश के निर्यात पर गौर करने से पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता में की है और पहले देश में ब्रांड मजबूत किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि देश की वैश्विक स्तर की कंपनियां जब मजबूत भारतीय ब्रांडों का निर्माण करेगी, तब मेक इन इंडिया अभियान को मजबूती मिलेगी।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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