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अन्तर्राष्ट्रीय

नाटो जैसा नहीं बनेगा एससीओ : रूस

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मॉस्को | शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) भारत और पाकिस्तान में नए सदस्यों के शामिल होने के बावजूद नाटो जैसा नहीं बनना चाहेगा। रूस के राष्ट्रपति प्रशासन के प्रमुख सर्गेई इवानोव ने यह बात कही है। समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, इवानोव ने सोमवार को कहा, “एससीओ ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू की है। एससीओ ने भारत और पाकिस्तान के रूप में दो बड़े देशों को शामिल करना शुरू कर दिया है।”

उन्होंने कहा, “दोनों के पास परमाणु हथियार हैं, हालांकि एससीओ, नाटो नहीं है। मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि यह नाटो नहीं बनना चाहता।” नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, जिसमें उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 28 सदस्य देश शामिल हैं। वानोव ने कहा कि एससीओ मुख्य रूप से एक क्षेत्रीय आर्थिक संगठन है।

रूस के राष्ट्रपति प्रशासन के प्रमुख ने कहा कि पिछले लगातार तीन सालों से ब्रिक्स के सदस्य देशों -ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका- के नेता जी-20 सम्मेलन से पहले इकट्ठा होते हैं और इस बात पर चर्चा करते हैं कि जी-20 सम्मेलन के तहत क्या किया जाएगा। शंघाई सहयोग संगठन में रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, चीन, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान को पर्यवेक्षक दर्जा प्राप्त है, जबकि बेलारूस, तुर्की और श्रीलंका संवाद भागीदार हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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