लाइफ स्टाइल
नवाबी शहर में “बनारसिया” स्वाद
क्या आप स्वाद और सौंदर्य के शौक़ीन है? तब तो, निश्चित ही यह जगह आपके लिए ख़ास है। नाम है “बनारसिया” रेस्टोरेंट। बनारसिया देश का पहला ईको फ्रेंडली रेस्त्रां है, जहां आपके स्वाद के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता का पूरा ख्याल रखा जाता है। भीतर पहुंचते ही भारतीय संस्कृति का अहसास, केसर व चंदन का महकता तिलक, जिसे रेस्त्रां के शब्दों में शुभम कहा जाता है। पहली नजर में, तो ऐसा जान पड़ता है जैसे हम किसी सोनपरी की सुन्दर वादियों में पहुँच गए हों। गांव का कुआं, असम की सैर कराते बांस से बनी मनोहर झोपड़ियां, बनारस का गंगा घाट, सारनाथ का स्तूप और बच्चों को फोटोग्राफी के लिए लुभाते ढेर सारे दृश्य। निश्चित ही अब आपके मन में उत्सुकता बढ़ गई होगी कि, प्राकृतिक सुंदरता से ओतप्रोत यह रेस्टोरेंट है कहाँ? यह “बनारसिया” रेस्टोरेंट उत्तर प्रदेश की राजधानी लख़नऊ के गोमतीनगर, विपुलखंड -5 में स्थित है।
नवाबी शहर लखनऊ ही नहीं बल्कि ये देश का यह ऐसा पहला रेस्त्रां है, जहां सजावट से स्वाद तक सब कुछ पर्यावरण के अनुकूल तैयार किया गया है। 551 बांस, डेढ़ कुंतल फुस (सरपत), ढेर सारी चिकनी मिट्टी आदि से बने इस रेस्त्रां में प्रवेश करते ही एक ऐसी भीनी-भीनी महक आती है, जो सीधे-सीधे आपको गांव का सैर करा दे। पूरी तरह से वातानुकूलित (एयरकंडीशन) इस रेस्टोरेंट में आपको “स्वाद के संग, गांव के रंग” देखने को मिल जाएंगे। तीन हजार स्क्वायर फुट में बने इस विशाल रेस्त्रां में गांव की पूरी संस्कृति समाई हुई है जैसे गागर में सागर।
बनारसिया के संचालक बताते हैं कि, हम जिस पत्तल पर लोगों को खिलाते है उसे ख़ास तौर पर तमिलनाडु से कमल के पत्तों से तैयार कराया जाता है, इसी तरह पानी व अन्य चीजों को देने के लिए जिस कुल्हड़ व मटकी का उपयोग करते है, उसे गांव के कुम्हार से बनवाया जाता है। आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो, यहां भोजन करने वालों का एक बड़ा सहयोग गांव के मेहनतकश लोगों तक भी पहुंच रहा है। इतना ही नहीं रसोईं में उपयोग किया जानेवाला अनाज, सब्जी-मसाले, तेल आदि की शुद्धता पर भी पूरा ध्यान रखा जाता है। अलग-अलग व्यंजनों के लिए ख़ास मसालों की रेसिपी यहीं तैयार होती है। व्यंजनों में उत्तर भारत का प्रसिद्ध बाटी-चोखा, खीर, बखीर, बनारसी आलू दम, उल्टा-पुल्टा, कई प्रकार की सब्जी, दाल, चावल-कढ़ी, पराठा आदि शामिल है।
“बनारसिया” फिलहाल लखनऊ की शान बन गया है। खास तौर छुट्टियों के दिनों में अम्बेडकर पार्क व जनेश्वर मिश्र पार्क घूमने निकले परिवार की शाम “बनारसिया” में ही बीतती है। दिल्ली से घूमने आए एक सैलानी का कहना था, जनेश्वर पार्क के फौव्वारों और अम्बेडकर पार्क की सुंदरता देखने के बाद “बनारसिया” नहीं देखा तो, समझो लखनऊ को अधूरा छोड़ दिया। सच कहें तो, बनारसिया नवाबी शहर की सुंदरता और पहचान में चार चांद लगा रहा है।
लाइफ स्टाइल
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।
इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।
सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?
RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।
हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।
दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।
ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।
मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।
न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।
स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।
इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।
हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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