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अन्तर्राष्ट्रीय

नरेंद्र मोदी के कारोबार अनुकूल सुधारों से अमेरिका प्रोत्साहित

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वाशिंगटन| अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए ए कारोबार अनुकूल सुधारों के प्रति सहयोग जताते हुए कहा कि मोदी की भ्रष्टाचार से लड़ने के प्रति प्रतिबद्धता ने भारत सहित सभी सरकारों को भ्रष्टाचार के मुद्दे से निपटने के लिए प्रोत्साहित किया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर से जब यह पूछा गया कि हाल ही में भारत में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विरुद्ध उठाए गए कदमों को देखते हुए क्या उन्हें लगता है कि भारत में अमेरिकी निवेश सुरक्षित है? इस पर टोनर ने संवाददाताओं से कहा, “हमारा रवैया सहयोगात्मक है।”

टोनर ने कहा, “मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता और सार्वजनिक स्तर पर उनकी टिप्पणियों सहित उनके द्वारा उठाए गए कारोबार अनुकूल सुधार, ऐसे कुछ कदम हैं जिन्हें लागू किए जाने में समय लगेगा।”

उन्होंने कहा, “हालांकि अमेरिका या अन्य देशों की निजी कंपनियां जब किसी देश में निवेश करने के बारे में सोचती हैं, तो वे वहां के निवेश माहौल पर ध्यान देती हैं। यकीनन, इस दिशा में मूल्यांकन और आंकलन करने के लिए भ्रष्टाचार अहम भूमिका निभाता है।”

टोनर ने कहा, “इसलिए भ्रष्टाचार किसी भी देश की अर्थव्यवस्थआ के लिए सही नहीं है। इसलिए हम भारत सहित सभी सरकारों से इसे समाप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

यह पूछे जाने पर कि ललित मोदी मामले पर सरकार की चुप्पी को देखते हुए भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे को किस तरह सुनिश्चित किया जाए। इस पर उन्होंने कहा, “मैं दोबारा यह कहना चाहूंगा कि मोदी द्वारा उठाए गए कुछ सुधारों से हम प्रोत्साहित हुए हैं।”

टोनर ने कहा, “हम देखेंगे कि इन सुधारों को किस तरह से लागू किया जाता है। यकीनन, इन सुधारों को रातभर में लागू नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार हमेशा एक चिंता बनी रहेगी। इसलिए किसी भी सरकार को इससे निपटना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “जहां तक एनजीओ का सवाल है तो हम सामाजिक संगठनों, एनजीओ के समक्ष आ रही मुश्किलों के बारे में चिंतित रहेंगे।”

हम सामाजिक सगठनों का दुनियाभर में समर्थन करते हैं और यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि ये संगठन लोकतांत्रिक संस्थानों और संस्कृति को मजबूत करते हैं।

टोनर ने कहा, “इसलिए हम सामाजिक संगठन और एजीओ को सहयोग करते हैं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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