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मनोरंजन

नए निर्माताओं पर सेंसर बोर्ड की टेढ़ी नजर : तोपरानी

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मुंबई, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| अनुभवी थिएटर निर्देशक जनक तोपरानी का मानना है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) नए निर्देशकों के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाता है। उन्होंने कहा, आपको अपनी फिल्म पास कराने के लिए बड़े पड्रक्शन हाउस या बड़े अभिनेता की जरूरत पड़ती है।

वह बोर्ड के रवैए को लेकर परेशान हैं, क्योंकि उनकी फिल्म ‘कॉल फॉर फन’ के कुछ अंशों को काटकर ‘ए’ सर्टिफिकिट दिया गया, जबकि उन्होंने ‘यू’ सर्टिफिकिट की मांग की थी।

तोपरानी ने अपने बयान में कहा, हमारी फिल्म में शरारत से भरे कुछ दृश्य हैं और विशेष हास्य तत्व हैं। हमें ए सर्टिफिकिट नहीं मिलना चाहिए था। फिल्म तो छोड़िए, हमारे ट्रेलर को भी छोटा किया गया। सीबीएफसी के सदस्यों को लगता है कि साइज ’36-24-36′ कहना अश्लील है। मुझे याद है कि बहुत सी फिल्मों में ऐसे ही संवाद थे और उन्हें यूए सर्टिफिकिट दिया गया।

फिल्म ‘कॉल फॉर फन’ का निर्माण फिल्मक्वेस्ट ने किया है और इस फिल्म की पटकथा तोपरानी ने लिखी है और वह इसके निर्देशक व सह-निर्माता भी हैं। इस फिल्म में जान खान, शुभांगी महरोत्रा, चारु असोपा, प्रशांत कनौजिया यानी सभी नए चेहरे शामिल हैं। फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हुई है।

तोपरानी ने कहा, बोर्ड के अध्यक्ष बदल गए हैं, अब प्रसून जोशी आए हैं, लेकिन सिस्टम पहले जैसा ही है। हमारी फिल्म में नए जमाने का हास्य तत्व मौजूद है, लेकिन उसे अशिष्ट या अश्लील नहीं कहा जा सकता। यह एक हास्य फिल्म है, फिर भी हमें ए सर्टिफिकिट दिया गया।

उन्होंने आगे कहा, मैंने जब बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि आपको कई ऐसी फिल्मों के संवाद को लेकर नाम गिना सकता हूं जो ‘केवल वयस्कों के लिए’ श्रेणी में आनी चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे संवाद मां और बेटी के बीच के हैं, इसलिए उसे अनुमति दी गई थी।

जनक तोपरानी को लगता है, सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है, क्योंकि यह स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।

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मनोरंजन

फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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