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प्रादेशिक

दीनदयाल जन्म शताब्दी को लेकर सीएमएस के चार हजार शिक्षकों ने निकाली प्रभात फेरी

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लखनऊ। सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के लगभग चार हजार शिक्षकों ने रविवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में विशाल ‘जन-जागरण’ प्रभात फेरी निकालकर उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम चलाई। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने मुख्य अतिथि के रूप में झंडी दिखाकर प्रभात फेरी को रवाना किया।

यह प्रभात फेरी सुबह साढ़े सात बजे गोमतीनगर विस्तार स्थित मकदुमपुर पुलिस चौकी से प्रारम्भ होकर सीएमएस गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम तक गई। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल एवं प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश विशिष्ट अतिथि थे। प्रभात फेरी में सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी, डा. भारती गांधी तथा सीएमएस प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गांधी किंगडन एवं सीएमएस के सभी 19 कैम्पस की प्रिंसिपल मौजूद रहीं। इस विशाल प्रभात फेरी में शिक्षकों ने भावी पीढ़ी के लिए चारित्रिक उत्कृष्टता का संदेश देने के साथ ही विश्व एकता एवं शान्ति की अलख जगायी व दीन दयाल उपाध्याय के विचारों के अनुरूप समाज के नव-निर्माण का संदेश दिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केशव प्रसाद मौर्या ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की शिक्षाओं के बारे में बताया। सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के बारे में बताया कि अल्प-आयु में ही उनके माता पिता की मृत्यु हो गयी और काफी संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करते हुए उन्होनें समाज की सेवा की।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय सादा जीवन, उच्च विचार में विश्वास रखते थे। उन्होंने आध्यात्मिक मूल्यों का सामान्य जीवन और राजनीति में समावेश किया। उन्होंने गरीबी और संघर्ष के साथ विपरीत परिस्थितियों में जीवन मूल्यों को नहीं छोड़ा। भाजपा के प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश ने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के अवसर पर 22 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता सबसे बड़ा कार्यक्रम था।

चार हजार शिक्षकों की जन-जागरण प्रभात फेरी सीएमएस गोमतीनगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में पहुंचकर एक विशाल समारोह में तब्दील हो गयी जहां सीएमएस शिक्षकों ने पं. दीन दयाल उपाध्याय के सपनों का भारत बनाने हेतु ‘सेवा, त्याग एवं चरित्र निर्माण’ की शपथ ली। इस अवसर पर सीएमएस संस्थापक डा. जगदीश गांधी व डा. भारती गांधी ने विद्यालय के शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सम्मानित किया।

प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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