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दिल्ली में पांचवां विश्व उर्दू सम्मेलन शुरू
नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)| राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एसीपीयूएल) की ओर से पांचवां विश्व उर्दू सम्मेलन यहां शनिवार को शुरू हुआ, जो 26 मार्च तक चलेगा। इस सम्मेलन में भारत समेत 18 देशों के उर्दू के विद्वान, शायर, पत्रकार और उर्दू के जानकार हिस्सा ले रहे हैं। एसीपीयूएल के निदेशक इरतिजा करीम ने बताया कि सम्मेलन में अमेरिका के अलावा बांग्लादेश, तुर्की, उज्बेकिस्तान, दोहा और कतर से भी उर्दू के जानकार शामिल हुए। सम्मेलन का थीम ‘उर्दू भाषा, संस्कृति और वर्तमान वैश्विक समस्याएं’ है।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक समस्याओं के परिदृश्य के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर उर्दू भाषा के संदर्भ और इसकी भूमिका को प्रस्तुत करना है और यह बताना है कि उर्दू एक सार्वभौमिक और वैश्विक समझ रखने वाली भाषा है, मगर एक बड़ा वर्ग उर्दू के इस व्यापक रोल से परिचित नहीं है और उर्दू जबान को सिर्फ हुस्न और इश्क के मामलों तक सीमित समझता है, जबकि सच यह है कि उर्दू भाषा ने आज के दौर की ज्यादातर वैश्विक समस्याओं को अपना विषय बनाया है।
करीम ने कहा, सम्मलेन के पहले दिन पूरी दुनिया से लगभग 45 उर्दू डेलीगेट्स मौजूद थे, जिनमें 30 एनआरआई हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा भारत सरकार ने उर्दू के विकास के लिए जितना बजट दिया है, उतना बजट पाकिस्तान में भी उर्दू के लिए नहीं है। इस मुल्क ने उर्दू को हमेशा से ही आगे बढ़ाया है, जिसे मौजूदा सरकार ने जारी रखा है।
करीम ने कहा, हिंदुस्तान के लोग जिस भी मुल्क में गए, वहां पर उन्होंने उर्दू को समृद्ध किया। इस सम्मेलन में आने वाले उर्दू भाषा-भाषी विद्वान अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगे। उनसे हमें पता चलेगा कि वहां पर उर्दू के बारे में लोग क्या सोचते हैं और उन देशों में उर्दू में किस तरह की कहानियां, शायरी और साहित्य लिखा जा रहा है।
एसीपीयूएल ने शनिवार को ‘ई-किताब’ ऐप लांच किया, जिस पर परिषद् की सारी किताबें ई-पब फॉर्मेट में पढ़ी और डाउनलोड की जा सकेंगी। ऐप के तहत ई-किताब नामक फीचर दिया गया है, जहां परिषद् द्वारा प्रकाशित डेढ़ हजार से ज्यादा किताबें मुफ्त में डाउनलोड की जा सकेंगी। एक बार डाउनलोड कर लेने के बाद किताबें ऑफलाइन भी पढ़ी जा सकेंगी।
करीम ने बताया कि उर्दू की पुस्तकों के लिए दुनिया में पहली बार इस तरह का कोई ऐप लांच किया गया है। इस ऐप में ई-लाइब्रेरी नामक फीचर भी जोड़ा जाएगा। ई-लाइब्रेरी पर पुरानी किताबों की स्कैन की हुई प्रति उपलब्ध होगी। ई-पब ऐप एंड्रॉयड और आईओएस दोनों ऑपरेटिंग सिस्टमों के लिए उपलब्ध है। ऐप को उर्दू के साथ अंग्रेजी में भी लांच किया गया है। यह नस्तलीक या यूनिकोड फॉन्ट को सपोर्ट करता है और आईपैड, आईफोन और डेस्कटॉप के साथ कॉम्पेटिबल है।
उन्होंने बताया कि इस ऐप की खास बात यह है कि किसी भी शब्द पर क्लिक करते ही उसका अर्थ भी अपने-आप स्क्रीन पर आ जाएगा। ई-किताब में उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी वाला तिभाषिया शब्दकोश भी दिया गया है।
नेशनल
दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में लगी आग, 7 बच्चों की मौत
नई दिल्ली| दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. पांच बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से अस्पताल में आग लगी थी।
जानकारी के अनुसार दमकल विभाग को रात 11:32 पर आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके तुरंत बाद मौके पर दमकल विभाग की 9 गाड़ियां भेजी गई. पुलिस और दमकल विभाग ने 12 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार 5 बच्चे अस्पताल में एडमिट है। ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में बच्चों को एडमिट किया गया है दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि विवेक विहार में आईआईटी, ब्लॉक बी के पास एक शिशु देखभाल केंद्र से आग लगने की सूचना मिलते ही कुल नौ दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा, वो बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की मौत पर स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सहानुभूति के सारे शब्द कम हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हादसे में, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, हम उनके साथ खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है।
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