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‘दाल रोटी मत खाओ, मोदी के गुण गाओ’ की नीति पर चल रही भाजपा : राहुल
अररिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव बिहार विधानसभा का है, परंतु भाजपा के नेता पाकिस्तान की बात कर रहे हैं। उन्होंने दाल की बढ़ी कीमत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला बोला।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अररिया में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री दाल जैसी गंभीर समस्या पर कुछ क्यों नहीं बोलते। पहले लोग ‘दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ’ की बात करते थे, परंतु अब कोशिश चल रही है कि ‘दाल रोटी मत खाओ, मोदी के गुण गाओ’।”
महंगाई पर केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि “लोकसभा चुनाव में कहा जाता था कि मोदी आएंगे तो मंहगाई कम हो जाएगी। मोदी आए और दाल 200 रुपये किलो हो गई।” मोदी के ‘अच्छे दिन’ पर तंज कसते हुए कांग्रेस के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ‘अच्छे दिन’ की खूब बातें करते थे, परंतु एक साल बाद अब वह इसकी बात ही नहीं करते।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार की बात किया करते थे, परंतु एक भी व्यक्ति को अब तक रोजगार नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा, “भाजपा ने मेक इन इंडिया का बब्बर शेर तो बना दिया, परंतु इस बब्बर शेर से किसी को रोजगार नहीं मिल सका और न मिलेगा।” उन्होंने कहा, “बिहार में भाजपा जीतने वाली नहीं है। यह उनको भी मालूम हो गया है, हमें भी मालूम है। यहां हमारी सरकार आएगी, तो भाईचारा और प्यार की राजनीति होगी। यहां हर जात-धर्म के व्यक्ति की इज्जत होगी और हम हर व्यक्ति को विकास से जोड़ेंगे।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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