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दार्जिलिंग में जीजेएम ऑफि‍स पर छापे के बाद फूंका थाना, प्रदर्शन जारी

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दार्जिलिंग, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, जीजेएम ऑफि‍स, छापे

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कोलकाता। दार्जिलिंग में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) के नेताओं पर गुरुवार को पुलिस ने ताबड़तोड़ छापे मारे। इन छापों के बाद हिंसक प्रदर्शन और तेज हो गया है।

दार्जिलिंग, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, जीजेएम ऑफि‍स, छापे

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों ने इसके विरोध में पुलिस थाना फूंक दिया। निजी वाहन को भी फूंक दिया गया। पुलिस ने गुरुवार सुबह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा चीफ बिमल गुरुंग के ऑफिस पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए। गुरुंग के दफ्तर के बाहर छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता करुण गुरुंग को कुर्सियांग से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दार्जिलिंग के कंचनजंगा स्कूल को बंद कर दिया है। बुधवार को युवा मोर्चा ने इसी स्कूल में मीटिंग बुलाई थी। जीजेएम सेंट्रल कमिटी ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

यह कार्रवाई तब हुई है, जबकि गुरुंग ने अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखने की बात कही थी। मीडिया को बुधवार को दिए गए बयान में उन्होंने कहा था कि,’पर्यटकों को दार्जिलिंग आने से बचना चाहिए। हमारा विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।’

गुरुवार को इस क्षेत्र में हिंसा भी भड़कने की आशंका थी क्योंकि जीजेएम के युवा संगठन ने पुलिस के लाठीचार्ज किए जाने और अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में शहर में रैली निकालने की घोषणा की है।

इस रैली से पहले ही बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मोर्चा के नेता बिनय तमांग ने कहा, ‘हम आदिवासी हैं, पारंपरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता करने जा रहे हैं। उन्होंने हमारे पारंपरिक उपकरणों को हथियारों की तरह पेश किया है। इसी वजह से हमें अलग गोरखालैंड चाहिए। हमारे अधिकार, संस्कृति, धरोहर, परंपराएं किसी का भी सम्मान नहीं किया जाता।’

इस बीच बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी से भी मुलाकात की। उन्होंने आंदोलनकारी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) पर दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की सभी विपक्षी पार्टियों ने अलग गोरखा राज्य की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की मांग खारिज कर दी है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने दार्जिलिंग में अनिश्चिकालीन बंद का आह्वान कर रखा है।

इससे पहले अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर तीसरे दिन बुधवार को भी जीजेएम और अन्य क्षेत्रीय दलों ने रैलियां निकालीं। पुलिस किसी भी प्रकार की हिंसा को टालने के लिए गश्त तेज कर दी है।

दार्जिलिंग में चौकबाजार और माल रोड पर और इसके आसपास अधिकतर दुकानें बंद रहीं। दार्जिलिंग में सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यालयों में जीजेएम समर्थित अनिश्चितकालीन बंद 12 जून को शुरू हुआ था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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