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मुख्य समाचार

दादरी कांड : अखलाक के परिवार से राहुल गांधी ने की मुलाकात

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ग्रेटर नोएडा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मोहम्मद अखलाक के परिवार से मुलाकात की। गोमांस खाने की अफवाह के कारण अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। गांधी ने ट्वीट किया, “मोहम्मद अखलाक के परिवार से मिला और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।”

राहुल ने कहा, “यह देखकर बहुत दुख होता है कि दशकों में विकसित हुआ विश्वास और सौहार्द्र घृणा की राजनीति के द्वारा नष्ट हो गया।” उन्होंने कहा, “हमारे लोगों के बीच घृणा भारत को कमजोर करता है। हमें एकजुट रहना है और घृणा फैलाने वालों से लड़ना है।” गांधी ने ट्वीट में कहा है, “बिसरा में सौहार्द बनाए रखने को लेकर लोगों की इच्छा से प्रभावित हुआ। यह भावना कठिन समय में देश को उबारने में मददगार होगी।”

ग्रेटर नोएडा के दादरी में बिसरा गांव के निवासी अखलाक (50) को सोमवार रात घर से बाहर खींच कर पीट-पीट कर मार डाला गया। वजह सिर्फ इस बात की अफवाह थी कि अखलाक ने गोहत्या की थी और उसका मांस खाया था। परिवार ने कहा है कि वे बकरे का मांस खाते हैं।

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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