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दक्षिण चीन सागर में भारत के सुनामी चेतावनी तंत्र को चीन का समर्थन

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बीजिंग, 11 जून (आईएएनएस)| विवादित दक्षिण चीन सागर में सुनामी चेतावनी प्रणाली स्थापित करने की भारत की योजना का चीन ने समर्थन किया है। चीन इस पूरे समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करता है।

चीन को लगता है कि एक प्रभावी सुनामी चेतावनी तंत्र तटवर्ती देशों के लिए फायदेमंद होगा।

इस तरह का तंत्र स्थापित करने की संभावना तलाशने संबंधी भारत के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने आईएएनएस से कहा कि सुनामी पूर्व चेतावनी शोध को मजबूत करना सभी पक्षों के हित में है।

मंत्रालय ने आईएएनएस से कहा, चीन और संबद्ध देशों को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की आवश्यकताओं के अनुसार दक्षिण चीन सागर में उपयुक्त सुविधाओं और प्रणालियों को स्थापित करना है।

मंत्रालय ने कहा है, प्रासंगिक पक्ष मौजूदा सहयोग तंत्र के तहत प्रासंगिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

पिछले महीने भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि नई दिल्ली ने दक्षिण चीन सागर में सुनामी की जल्द चेतावनी प्रणाली को स्थापित करने की योजना बनाई है।

इससे पहले बीजिंग कई मौकों पर नई दिल्ली को इस विवादित जल क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दे चुका है। इस सागर पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम अपना दावा करते हैं।

बीजिंग वियतनाम की तटीय सीमा पर भारत के ओएनजीसी विदेश लिमिटेड(ओवीएल) की उपस्थिति पर अपना विरोध जता चुका है। वियतनाम के तट पर ओवीएल हाइड्रोकार्बन को खोज कर रहा है।

गहरे समुद्र में स्थित 128 तेल कुंओं में दोहन के लिए वियतनाम ने 2016 में भारत को एक साल के विस्तार दे दिया था। ये तेल कुंए विवादित दक्षिण चीन सागर का हिस्सा हैं।

पिछले महीने, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में रहे एक सैन्य विशेषज्ञ सोंग जोंगपिंग ने दक्षिण चीन सागर में सिंगापुर के साथ संयुक्त नौसैन्य अभ्यास के लिए भारत की आलोचना की थी और उन्होंने नई दिल्ली पर बीजिंग को न उकसाने के वादे को तोड़ने का आरोप लगाया था।

पिछले साल चीन ने दक्षिण चीन सागर में सुनामी चेतावनी केंद्र स्थापित किया था। दक्षिण चीन सागर के रास्ते प्रत्येक वर्ष 50 खरब डॉलर का वैश्विक व्यापार होता है।

जहां एक ओर चीन और अन्य तटीय देश ऊर्जा से भरपूर जल वाले इस सागर पर अपना दावा करते हैं, वहीं अमेरिका इस जल क्षेत्र के रास्ते नौवहन की स्वतंत्रता के अधिकार पर जोर देता है। इन सबके बीच यह विश्व का सबसे विवादित क्षेत्र बन गया है।

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नेशनल

प्रियंका का पीएम मोदी पर पलटवार, कहा- मेरा भाई 4 हजार किमी पैदल चला, तब आप अपने महल में थे

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बनासकांठा। गुजरात के बनासकांठा में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी शहंशाह हैं जो महल में रहते हैं लेकिन जनता से कटे हुए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा, “वह (पीएम मोदी) मेरे भाई को शहजादा कहते हैं लेकिन मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि यह शहजादे आपकी (लोगों की) समस्याएं सुनने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर तक चले। उन्होंने मेरे भाइयों और बहनों, किसानों और मजदूरों से मुलाकात की और उनसे पूछा कि हम उनकी समस्याओं का कैसे समाधान कर सकते हैं।”

प्रियंका ने आगे कहा, ‘और एक तरफ आपके शहंशाह..हैं. महलों में निवास करते हैं। आपने कभी टीवी पर उनका चेहरे को देखा है? एकदम साफ सुथरा सफेद कुर्ता, एक दाग नहीं है धूल का। एक बाल इधर से उधर नहीं होता है। वो कैसे समझ पाएंगे कि आपकी मजदूरी, आपकी खेती। किस तरह से समझ पाएंगे कि आप किस दलदल में धंसे हुए हो। महंगाई से आप दबे हुए हैं। हर तरफ महंगाई, मेरी बहनें… मिट्टी का तेल आज कितने का हो चुका है? सब्जी खरीदने जाती हैं तो भाव क्या है उसका… पेट्रोल डीजल का दाम क्या है, किस तरह से गुजारा होता है। खेती के हर सामान पर जीएसटी लग रही है। हर सामान अब महंगा हो गया है। अगर कोई त्योहार होता है, कुछ खरीदना होता है, फीस भरनी पड़ती है, इलाज करना पड़ता है ये मोदी नहीं जान सकते हैं।

​कांग्रेस महा​सचिव प्रियंका गांधी पीएम पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने दस सालों में अधिकार कम करने का काम किया है। पहले के ​पीएम लोगों के बीच गांवों में जाते थे। लोगों की बातें और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते थे। गुजरात ने पीएम मोदी को सबकुछ दिया। सत्ता दी. पर अब आप उनको देखते हैं, वह बड़े-बड़े लोगों के साथ दिखाई देते हैं। वे कभी किसानों या गरीबों को के बीच नहीं दिखते हैं। वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसी भी गरीब के घर नहीं गए।

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