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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण चीन तट से 48 वियतनामी बचाए गए

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बीजिंग। दक्षिण चीन के गुआंक्सी झुआंग स्वायत्त क्षेत्र से लगे समुद्र में छह मालवाहक जहाजों से चालक दल के कुल 48 वियतनामी सदस्यों को बचा लिया गया है। स्थानीय सीमा पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार, वियतनाम के मालवाहक जहाज सोमवार दोपहर तूफानी मौसम और तेज लहरों की वजह से फैंगचेंगगैंग शहर के पास समुद्र में डूबने लगा था। इस दौरान चालक दल के कुछ सदस्य समुद्र में गिर गए थे और कुछ जहाज पर ही फंसे हुए थे।

स्थानीय सीमा पुलिस भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करते हुए समुद्री और मत्स्यकर्मियों के साथ सोमवार अपराह्न् घटनास्थल पर पहुंची और सोमवार शाम तक समुद्र से चालक दल के 41 वियतनामी सदस्यों को बचा लिया।

ऊंची लहरों के थम जाने के बाद मंगलवार सुबह जहाज के कॉकपिट से चालक दल के अन्य सात सदस्यों को भी बचा लिया गया।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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