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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण कोरिया में मर्स के मामले बढ़कर 166 हुए

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सियोल| दक्षिण कोरिया में मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 166 हो गई है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 10 जून को जिस मरीज में मर्स होने की पुष्टि हुई थी, उसकी मौत हो गई है। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की दर 14.5 प्रतिशत हो गई है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 75 वर्षीय बुजुर्ग का यहां सैमसंग मेडिकल सेंटर में इलाज चल रहा था। वह यहां पहले से भर्ती एक मरीज के कारण मर्स की चपेट में आ गए थे। उस व्यक्ति से 80 लोगों में मर्स का संक्रमण फैला।

 

हालांकि देश में मर्स के संक्रमण पर पिछले दो-तीनों में थोड़ा नियंत्रण नजर आ रहा है। बुधवार को जहां इससे संक्रमित नए मरीजों की संख्या आठ थी, वहीं गुरुवार को यह तीन और शुक्रवार को एक रही।

इस बीमारी की आशंका के मद्देनजर जिन लोगों को अलग रखा गया है, उनमें भी कमी आई है। गुरुवार को ऐसे लोगों की संख्या 6,729 थी, जो शुक्रवार को 5,930 हो गई।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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