अन्तर्राष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया में मर्स के मामले बढ़कर 181 हुए
सियोल| दक्षिण कोरिया में मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) का शुक्रवार को एक नया मामला सामने आया, जिसके बाद इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 181 हो गई है। इस घातक बीमारी से दो अन्य मरीजों की मौत हो गई है, जिसके बाद इससे मरने वालों की संख्या 31 हो गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, मर्स के कारण 31 लोगों की मौत हुई है। दो नई मौत के बाद इस बीमारी से मरने वालों का प्रतिशत 17.1 हो गया है।
जिन लोगों को मर्स संक्रमण के संदेह में अलग रखा गया है, उनकी संख्या में भी वृद्धि हुई है। गुरुवार को जहां ऐसे लोगों की संख्या 2,642 थी, वहीं शुक्रवार को ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 2,931 हो गई।
मर्स का पहला मामला सऊदी अरब में वर्ष 2012 में सामने आया था, जबकि दक्षिण कोरिया में मर्स का पहला मामला इस साल 20 मई को सामने आया।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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