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अन्तर्राष्ट्रीय

त्रिनिदाद-टोबैगो में भारतीयों के कदम रखने के 170 साल पूरे

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त्रिनिदाद-टोबैगो

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पोर्ट ऑफ स्पेन | त्रिनिदाद एवं टोबैगो की प्रधानमंत्री एवं भारतवंशी कमला परसाद-बिसेसर ने देश में पूर्वी भारतीयों के प्रथम आगमन की 170वीं वर्षगांठ का स्मरणोत्सव मनाते हुए कहा कि भारतवंशियों को बहुत से विशोषाधिकार हैं। ‘त्रिनिदाद एक्सप्रेस’ ने शनिवार को बताया कि अपने भारतीय आगमन संदेश में शुक्रवार को कमला ने कहा कि राजनैतिक व्यवस्था पर प्रभाव होना सम्मान और विशेषाधिकार है, जिसका मार्गदर्शन मूल सिद्धांत से हुआ है।

कमला ने कहा, “भेदभाव के अंत करने की समर्थक होने के तौर पर मैंने अपना समय यह सुनिश्चित करने में प्रयोग किया कि हमारी राह का हर कदम हमें एक करे।” बिसेसर ने कहा, ‘भारतीय आगमन दिवस’ करारबद्ध पूर्वी भारतीय प्रवासियों के स्थानीय तटों पर प्रथम आगमन के 170 साल पूरे होने का स्मरणोत्सव है। यह एक राष्ट्रीय अवसर है, जो हमें खासतौर से चुनौतियों और आपदा के समय मानवीय आत्मा की अदम्य शक्ति का स्मरण कराता है।

राष्ट्रपति एंथनी कारमोना ने भी पूर्वी भारतीय समुदाय को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “ईस्ट इंडियन संस्कृति आध्यात्मिकता के गहरे भाव द्वारा चित्रित और संचालित है।” राष्ट्रपति ने कहा, “भारतीयों पवित्र ग्रंथों के उपदेश हमारे नागरिकों, सकारात्मक सामाजिक मूल्यों में विनय, बड़ों के सम्मान, बलिदान, कठिन परिश्रम और दूरदर्शिता के रूप में निहित हैं।” त्रिनिदाद एवं टोबैगो में 1845 से 1917 के बीच भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों से पूर्वी भारतीय प्रवासियों का आगमन हुआ था। ब्रिटिश संसद की गुलामी से 1834 में आजाद होने के बाद कृषि अर्थव्यवस्था के नुकसान से बचने के लिए तत्कालीन औपनिवेशिक सरकार भारतीयों को यहां लाई थी।

पहले बैच की शुरुआत से कई यात्राओं से होकर लगभग 1,48,000 पूर्वी भारतीय त्रिनिदाद एंव टोबैगो पहुंचे थे। वे अपने साथ नए व्यंजन, आदतों, परंपराओं, रिवाजों और हिंदुत्व भी साथ लेकर गए। त्रिनिदाद एंव टोबैगो में जातीय भारतीयों की आबादी 6,25,000 या कुल आबादी का 34 फीसदी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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