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अन्तर्राष्ट्रीय

ताइवान विमान हादसा : 24 मृतकों की पहचान हुई

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ताइपे | ताइवान में ट्रांसएशिया एयरवेज की विमान दुर्घटना में 31 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे में मारे गए लोगों में से अब तक 24 की पहचान हो पाई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विमान संख्या जीई-235 ताइपे से चीनी शहर किनमेन की उड़ान पर था, जिसमें चालक दल के पांच सदस्यों सहित 53 यात्री सवार थे। विमान उड़ान के 10 मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त होकर ताइपे में कीलुंग नदी में गिर गया था।
आधिकारिक रपटों के अनुसार, दुर्घटना में 31 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हुए हैं। वहीं 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं।  विमान पर सवार लोगों के अलावा एक टैक्सी में सवार एक महिला और उसका चालक भी घायल हुए हैं, अनियंत्रित होने के बाद विमान का एक पंख इसी टैक्सी से टकराया था। मृतकों में 16 चीन के यात्री, पांच ताइवानी यात्री और विमान का चालक और दो सह-चालक शामिल हैं। नावों और हेलीकॉप्टरों को दुर्घटनास्थल के साथ-साथ कीलुंग नदी और इसके किनारों की सफाई के काम में लगाया गया है। विमान का अगला और पिछला हिस्सा पानी से बाहर निकाल लिया गया है। हवाई जहाज के ढांचे के कुछ हिस्से अभी भी जलमग्न हैं। ताइवान विमानन सुरक्षा परिषद ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना की जांच में भाग लेने के लिए चीन से दुर्घटना जांचकर्ताओं को बुलाया है। विमान का निर्माण फ्रांस में हुआ है और इसका इंजन कनाडा में बना है। दोनों देशों से भी जांचकर्ताओं को बुलाया गया है।  ट्रांसएशिया ने दुर्घटना में घायल सभी लोगों को मुआवजे के तौर पर 200,000 न्यू ताइवान डॉलर देने का फैसला किया। विमान कंपनी टैक्सी सवार घायलों को भी मुआवजा देगी। साथ ही हादसे में मृतकों के परिवारों को 12 लाख न्यू ताइवान डॉलर की मुआवजा राशि दी जाएगी।  ट्रांसएशिया एयरवेज की स्थापना 1951 में हुई थी। ताइवान की यह पहली निजी विमान सेवा कम दूरी की उड़ानों का संचालन करती है।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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