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ट्विटर ने पेश की ऑटोप्ले वीडियो सुविधा

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न्यूयॉर्क | सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने विज्ञापनदाताओं के लिए एक नए फीचर को पेश किया है। ट्विटर ने महत्वपूर्ण फैसले में ऑटोप्ले वीडियो को शुरू किया है। पत्रिका ‘टाइम’ ने ट्विटर ब्लॉग के हवाले से बताया कि यह फीचर आईओएस और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर शुरू हो गया है, जिसका मतलब है कि आपकी फेसबुक टाइमलाइन पर वीडियो विज्ञापन, जीआईएफ ओर वाइन स्वत: ही प्ले (यहां तक कि म्यूट स्थिति में भी) हो जाएंगे।

ट्विटर के इस कदम से विज्ञापनदातओं को बहुत लाभ होगा। फेसबुक ने दिसंबर 2013 में ऑटोप्ले वीडियो पेश फीचर की शुरुआत की थी। ट्विटर पर इसकी शुरुआत से कंपनी के मुनाफे में उछाल आएगा। हालांकि, इससे उपयोगकर्ताओं के इंटरनेट डेटा और बैटरी पर असर पड़ेगा। ट्विटर (आईओएस) पर ऑटोप्ले के लिए सबसे पहले ट्विटर एप्प खोलें और सेटिंग आइकन पर जाएं। इसके बाद वीडियो ऑटोप्ले पर जाएं फिर या तो ‘यूज वाई-फाई ओनली’ या फिर ‘नेवर प्ले वीडियोज ऑटोमैटिकली’ विकल्पों में से एक को चुनें।

वहीं, फेसबुक (आईओएस) के लिए फेसबुक एप्प को खोलने की कोई जरूरत नहीं है। अपने आईफोन या आईफैड होमस्क्रीन की सेटिंग पर जाए, नीचे जाकर फेसबुक को चुनें। फेसबुक की सेटिंग में जाकर ऑटोप्ले का चुनाव करें। इसमें या तो ‘वाई-फाई’ या ‘ऑफ’ में से किसी एक को चुनें। फेसबुक (एंड्रॉयड) के लिए फेसबुक एप्प खोलें और एप्प सेटिंग पर जाएं। इसके बाद ऑटोप्ले वीडियोज और वाई-फाई ओनली के अगले विकल्प को जांचें।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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