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मुख्य समाचार

झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए

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दुखदाई यमन संकट, आपरेशन ‘राहत’, भारतीय नौसेना, वायुसेना, जहाररानी के जांबाजों, विदेश मंत्रालय के अधिकारी व कर्मचारी, नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस सुमित्रा, शिया हौती विद्रोहियों से पीडि़त यमन

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नई दिल्‍ली। बचपन से ही सुनता आ रहा हूं कि ताकतवर के आगे दुनिया झुककर सलाम करती है, भारत के संदर्भ में पहली बार यह कहावत चरितार्थ होते देख रहा हूं। दुखदाई यमन संकट ने भारतवासियों को गर्व से सिर उठाने का मौका दिया है। हालांकि यमन संकट से सभी को पीड़ा है और होना भी चाहिए क्‍योंकि आतंक के सहारे शासन करने का मौका किसी को भी देना विश्‍व बंधुत्‍व की मूल भावना के खिलाफ है। फिर भी अपने देश के लिए गर्व करने का कोई मौका भी तो नहीं चूका जा सकता।

यमन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वतन वापसी के लिए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक आपरेशन ‘राहत’ चलाया। जिसके तहत भारतीय नौसेना, वायुसेना और जहाररानी ने संयुक्‍त रूप से प्रभावी कार्यवाही की। नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस सुमित्रा ने अलकायदा के गढ़ अल-होदिदा से हजारों भारतीयो को सुरक्षित वापस निकाला।

यही नहीं भारतीय जांबाजों ने उस पाकिस्‍तान के कुछ नागरिकों की भी सुरक्षित घरवापसी करवाई जो सीमा पर हमारे सैनिकों का सर काटकर ले जाते हैं, उस बांग्‍लादेश के नागरिकों को भी घर पहुंचाया जिसकी सैन्‍य टुकड़ी बांग्‍लादेश राइफल्‍स ने कुछ वर्षों पहले बीएसएफ के जवानों को यातनापूर्ण मौत देकर उनका क्षत-विक्षत शव हमें सौंप दिया था, लेकिन चलिए कोई बात नहीं- Its happens only in INDIA.

गर्व करने वाली बात यह है कि शिया हौती विद्रोहियों से पीडि़त यमन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए दुनिया के 26 देशों ने भारत से लिखित रूप से मदद मांगी है। इन देशों में पड़ोसी नेपाल, बांग्‍लादेश, श्रीलंका सहित विश्‍व का सबसे बड़ा चौधरी अमेरिका, स्‍वीडन और सिंगापुर जैसे देश भी हैं। है न गर्व करने वाली बात!

लेकिन यह देखकर भी कष्‍ट होता है कि विवादित बयानों और बेवजह के मसलों पर दिन-रात डिबेट करवाने वाली मीडिया इस गर्व करने वाली घटना पर खामोश है। क्‍या इसकी वजह सिर्फ केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है? या किसी और वजह से मीडिया के मुंह पर ताला बंद है। यह शोध का विषय है।

कुछ भी हो लेकिन भारतीयों के लिए तो यह गर्व का विषय है कि सांप-संपेरों, जादू-टोने का देश कहे जाने वालों से आज वो लोग भी मदद मांग रहे हैं जो अपने आप को विश्‍व की अग्रणी व सर्वोत्‍तम व्‍यवस्‍थाओं वाला देश कहते हैं। इसके लिए बधाई के पात्र भारतीय नौसेना, वायुसेना और जहाररानी के जांबाजों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के अधिकारी व कर्मचारी भी हैं जिन्‍होंने समय रहते त्‍वरित कार्यवाही कर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। भारत जिंदाबाद

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नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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