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जेटली-केजरीवाल को मानहानि मामलों को बंद करने की इजाजत दी

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नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा दो सिविल मानहानि मामलों को वापस लेने के लिए दाखिल संयुक्त अर्जी मंजूर कर ली। शहर की एक अदालत ने भी एक अन्य आपराधिक मानहानि मामले को खत्म करने की अर्जी को मंजूरी दे दी।

केजरीवाल ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में जेटली के 13 सालों के कार्यकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके लिए हाल ही में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से माफी मांग ली थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय में यह अर्जी दाखिल की गई।

केजरीवाल के अलावा, आम आदमी पार्टी के जिन चार नेताओं ने जेटली से माफी मांगी है, उनमें आप सांसद संजय सिंह, वरिष्ठ नेता आशुतोष, दीपक बाजपेयी व प्रवक्ता राघव चड्ढा शामिल हैं।

न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने यह कहते हुए जेटली, केजरीवाल और आप के चार अन्य नेताओं की संयुक्त अर्जी मंजूर कर ली कि इन सभी ने मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझा लिया है।

लेकिन, जेटली के वकील ने अदालत को बताया हालांकि छठे आरोपी कुमार विश्वास ने अभी तक माफी नहीं मांगी है और वह उनके खिलाफ मुकदमा जारी रखेंगे।

अदालत ने कहा कि विश्वास के खिलाफ मामले की सुनवाई जारी रहेगी और अगली सुनवाई 26 अप्रैल को सूचीबद्ध कर दी।

केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि उनके आरोप कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा दिए गए कागजों और सूचना के आधार पर थे। वे चुनिंदा लोग डीडीसीए से संबंधित मामलों की साक्षात जानकारी रखते थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने पाया कि इसमें निहित जानकारियां और आरोप निराधार और अनुचित हैं। साथ ही इन आरोपों को लगाने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से गलत सूचनाएं दी गईं।

जेटली ने इस मामले में क्षतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की थी।

केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने जेटली से सवाल करने के दौरान अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था और कहा था कि ये शब्द उनके मुवक्किल के हैं, जिसके बाद पिछले साल भाजपा नेता ने दूसरा सिविल मानहानि मुकदमा दायर किया था।

केजरीवाल ने कहा था, जेटली के खिलाफ राम जेठमलानी के अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयान को मेरी मंजूरी नहीं थी।

न्यायमूर्ति मनमोहन की अन्य पीठ ने मंगलवार को ही जेटली और केजरीवाल द्वारा दाखिल याचिका को मंजूरी दे दी थी। दोनों ने कहा कि मुद्दे को आपसी सहमति से सुलझा लिया गया है।

संयुक्त अर्जी में कहा गया, केजरीवाल और अन्य ने निजी तौर पर बिना शर्त वादी (जेटली) से माफी मांग ली है।

इसमें कहा गया है, बचाव पक्ष (आप नेता) के प्रत्येक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता (जेटली) और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर अपने द्वारा लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया है।

अर्जी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता (जेटली) ने माफी स्वीकार कर ली है।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने भी आपराधिक मानहानि मामले को समाप्त करने वाली अर्जी को मंजूरी दे दी।

केजरीवाल ने इसके पहले पिछले महीने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया, उसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल से माफी मांगी थी।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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