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जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल छोडऩा चाहते हैं पद, केंद्र को लिख दी चिट्ठी

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नई दिल्ली। कश्मीर में हिंसा और अशांति के माहौल के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने पद छोडऩे के संकेत दिए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि उनकी जगह किसी और को प्रदेश का राज्यपाल बनाया जाए। खबरों के मुताबिक, वोहरा ने इस संबंध में सरकार को एक पत्र लिखा है।

वोहरा ने पत्र में लिखा कि उनकी उम्र और हेल्थ अब उनकी ड्यूटी के आड़े आ रही है, इसलिए केंद्र को इस पर विचार करना चाहिए। कहा जा रहा है कि गृह सचिव राजीव महर्षि वोहरा की जगह ले सकते हैं, क्योंकि अगस्त में राजीव रिटायर हो रहे हैं। बता दें कि 81 वर्षीय एनएन वोहरा 2008 से राज्य के राज्यपाल हैं।

81 साल के वोहरा का राज्यपाल के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल है। वह पिछले नौ सालों से इस पद पर हैं। वोहरा 25 जून साल 2008 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने थे। उस दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार थी. वोहरा राज्य के इकलौते राज्यपाल हैं, जिन्हें केंद्र ने दूसरा कार्यकाल दिया था। वोहरा जम्मू कश्मीर के 12वें राज्यपाल हैं। उनसे पहले इस पद पर एसके सिन्हा थे।

यह भी कहा जा रहा है कि वोहरा ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर भी पद छोडऩे की पेशकश की थी। वोहरा के पत्र पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों के बाद ही फैसला होने के आसार हैं। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि वोहरा इंडिया इंटरनैशनल सैंटर बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के चेयरमैन भी बनाए गए हैं और अब वह दिल्ली में बसना चाहते हैं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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