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छेड़छाड़ की कोशिश पर बंद हो जाएगी नई ईवीएम, नौ लाख से अधिक मशीनों को बदला जाएगा

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नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले नौ लाख से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को उन्नत एम3 मशीन से बदल देगा। सरकार ने यह जानकारी संसद में दी। ये मशीनें किसी तरह की छेड़छाड़ का प्रयास करने पर निष्क्रिय हो जाएंगी। नए ईवीएम के 2018 के अंत तक लाए जाने की संभावना है।

यह कदम फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक नेताओं द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के मद्देनजर उठाया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कानून एवं न्याय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने कहा कि एम3 ईवीएम प्रौद्योगिकी तौर पर उन्नत हैं। इनमें और दूसरे ईवीएम के संचालन में कोई अंतर नहीं है। इससे बूथ प्रबंधन प्रणाली प्रभावित नहीं होती है।

मंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने 2006 से पहले खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम मशीनों को चरणबद्ध तरीके से 2019 के आम चुनाव और साथ में विधानसभा चुनाव से पहले बदलने का फैसला किया है। नई एम3 ईवीएम मशीनों की विशेषताओं को बताते हुए मंत्री ने कहा कि इसमें एक पब्लिक की इंटरफेस (पीकेआई) है, जो वास्तविक इकाई की पहचान करने के लिए विभिन्न ईवीएम इकाइयों के बीच आपसी प्रमाणीकरण पर आधारित है।

मंत्री ने कहा, “इसकी डिजाइन यह सुनिश्चित करती है कि ईवीएम को खोलने के प्रयास से यह निष्क्रिय हो जाए।” निर्वाचन आयोग के अनुसार, कथित मशीनों की खरीद करने के लिए कर, ड्यूटी और माल शुल्क को छोडक़र करीब 1,940 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

राज्यसभा में एक अन्य जवाब में बीते सप्ताह चौधरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सरकार को सूचित किया है कि आयोग ने 2014-15,2015-16 और 2016-17 के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन की खरीदारी नहीं की। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने आरोप लगाया कि ईवीएम को भाजपा के पक्ष में मैनेज किया गया था।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित दूसरी विपक्षी पार्टियों ने मध्य प्रदेश में एक उपचुनाव के दौरान ईवीएम में छेड़छाड़ की रिपोर्ट को लेकर निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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