प्रादेशिक
छत्तीसगढ़ में उद्योगों पर 832 करोड़ रुपये का जलकर बकाया
रायपुर| छत्तीसगढ़ में 47 उद्योगों पर 832 करोड़ 34 लाख रुपये से अधिक का जलकर बकाया है। प्रदेश में विभिन्न जलस्रोतों से 67 उद्योगों को जल आपूर्ति की जा रही है। जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को भाजपा विधायक देवजी पटेल के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्योगों से शासन द्वारा निर्धारित जलकर की वसूली का प्रावधान है। कई उद्योगों को डिमांड नोटिस दी गई है।
20 फरवरी 2015 की स्थिति में जिन उद्योगों पर जलकर बकाया है उनमें एस्सार स्टील, एनएमडीसी बैलाडीला लौह अयस्क परियोजना, एनएमडीसी नगरनार स्टील प्लांट, जीएमआर एनर्जी बेंगलुरू के रायखेड़ा स्थित प्लांट, जायसवाल इंडस्ट्रीज सिलतरा, मोनेट इस्पात एंड एनर्जी मंदिर हसौद, सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स रायपुर, सीएसआईडीसी उरला रायपुर, बजरंग पॉवर रायपुर, एसकेएस इस्पात रायपुर, लाफार्ज इंडिया सोनाडीह, साउथ एशियन एग्रो इंडस्ट्रीज खजुरी ढाबाडीह, भिलाई इस्पात संयंत्र, एनएसपीसीएल पुरेना दुर्ग, सीएसआईडीसी बोरई दुर्ग, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पूर्व, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पश्चिम, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पश्चिम विस्तार, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह पूर्व कोरबा, जल विद्युत पश्चिम, एनटीपीसी र्दी, बालको पुराना जल संयंत्र, विस्तार परियोजना 540 मेगावाट, अंजनी स्टील प्राइवेट लिमिटेड रायगढ़, नोवा आयरन एंड स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड दगोरी बिलासपुर, भाटिया वाइन मर्चेट्स लिमिटेड बिलासपुर, इंड सिनर्जी लिमिटेड कोटमार, एसकेएस पॉवर जनरेशन, अथेना पॉवर लिमिटेड सिंघीतराई, प्रकाश इंडस्ट्रीज चांपा, मध्यभारत पेपर्स लिमिटेड चांपा, अरमसमेटा केप्टिव पॉवर कंपनी गोपालनगर, सूर्यचक्र ग्लोबल इनविरो पावर लिमिटेड पूर्व में लहरी पावर, छत्तीसगढ़ स्टील एंड पॉवर अमझर, केएसके वर्धा पॉवर लिमिटेड नरियरा, एसईसीएल चरचा कॉलारी, एसईसीएल कटकोनी कॉलारी व इंदिरा पावर जोन नयनपुर शामिल हैं।
प्रादेशिक
गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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