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चुनाव आयोग की फटकार पर केजरीवाल को लगी मिर्ची, बोले- कोर्ट में निपटूंगा

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Kejriwal-election commisionनई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को कड़ी फटकार लगाई और आगे इस तरह के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। निर्वाचन आयोग के आदेश को ‘गलत’ करार देते हुए आप नेता ने कहा है कि वह अदालत का रुख करेंगे।

निर्वाचन आयोग द्वारा केजरीवाल को जारी आदेश के मुताबिक, “आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए निर्वाचन आयोग आदेश के जरिए आपको (केजरीवाल) फटकार लगाता है, और आपसे उम्मीद करता है कि चुनाव के समय अपने भाषण के वक्त आप विशेष एहतियात बरतेंगे।”

आदेश शुक्रवार को जारी किया गया, लेकिन यह शनिवार को सार्वजनिक हुआ। आदेश के मुताबिक, “अगर भविष्य में आपने आदर्श आचार संहिता का इसी तरह उल्लंघन किया, तो आयोग चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के पैरा 16ए सहित अपने पास मौजूद तमाम शक्तियों का इस्तेमाल कर आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।”

केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने ‘जानबूझकर’ गोवा विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए मतदाताओं को रिश्वत लेने को उकसाया। पिछले सप्ताह गोवा में चार विभिन्न रैलियों में केजरीवाल ने कहा था कि लोगों को केवल पांच हजार रुपये ही स्वीकार नहीं करना चाहिए, बल्कि रिश्वत देने के इच्छुक नेताओं से 10,000 रुपये की मांग करनी चाहिए, लेकिन वे अपना वोट आम आदमी पार्टी (आप) को ही दें।

केजरीवाल ने रैली के दौरान कथित तौर पर कहा, “अगर कांग्रेस या भाजपा के लोग पैसे देने की पेशकश करते हैं, तो उन्हें न मत कहना। यह आपका पैसा है। कम से कम उसका कुछ हिस्सा तो आपको वापस मिल रहा है। लेकिन जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का बटन दबाने की बारी आए, तो आप के लिए मतदान करना।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने 16 जनवरी को केजरीवाल को नोटिस दिया और 19 जनवरी तक उसका जवाब देने के लिए कहा। केजरीवाल ने जब अपने महाधिवक्ता कैलाश गहलोत के मार्फत जवाब भिजवाया, तो आयोग ने कहा कि वह जवाब से संतुष्ट नहीं है और यह पूरी तरह यकीन दिलाने वाला नहीं है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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