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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने विरोध दर्ज कराया, भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने को कहा

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बीजिंग, 27 जून (आईएएनएस)| चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत से शिकायत की है कि उसके सैनिकों ने अवैध रूप से चीनी सीमा में प्रवेश किया है, साथ ही यह संकेत दिया कि जबतक सैनिकों को वापस नहीं बुलाया जाता, मानसरोवर यात्रा पुन: शुरू नहीं होगी।

47 भारतीय तीर्थयात्रियों की मानसरोवर यात्रा रोकने का कारण बीजिंग ने भारतीय तथा चीनी सैनिकों का कथित तौर पर सिक्किम में सीमा पर आमने-सामने आना बताया है।

बीजिंग ने यह भी कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का भविष्य नई दिल्ली पर निर्भर करता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, हमने बीजिंग में इसपर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है और नई दिल्ली हमारे औपचारिक विरोध पर विस्तार से प्रकाश डालेगा।

लु ने कहा, अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने को लेकर हमारा रुख स्पष्ट है और हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष इस दिशा में चीन के साथ मिलकर काम करेगा और चीनी सीमा में दाखिल हुए भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने के लिए फौरन कदम उठाएगा।

भारतीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, चीनी सैनिक भारतीय सीमा के भीतर दाखिल हुए और उन्होंने दो बंकरों को तबाह कर दिया। बीजिंग ने आरोपों से इनकार किया है।

पहले जारी एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, सिक्किम में चीन-भारत सीमा को 1890 के चीन-ब्रिटिश समझौते द्वारा निर्धारित किया गया था। भारत की आजादी के बाद भारत सरकार ने कई बार लिखित में इसकी पुष्टि की और स्वीकार किया कि दोनों पक्षों के बीच सीमा को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।

बयान के मुताबिक, चीनी पक्ष ने सिक्किम में चीन-भारत सीमा पर शांति व सौहार्द्र बरकरार रखने को लेकर भारतीय पक्ष से सीमा समझौते का आदर करने, चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का आदर करने, सीमा अधिकारियों को फौरन वापस बुलाने तथा मामले की पूरी तरह जांच करने को कहा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तिब्बत में इंतजार कर रहे भारतीय तीर्थयात्रियों के बारे में पूछे जाने पर लु ने कहा कि यह भारत पर निर्भर करता है कि वह मामले से किस प्रकार निपटता है।

उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय पक्ष इस बात से स्पष्ट है कि भारतीय तीर्थयात्रियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए चीन ने लंबे समय तक अथक प्रयास किए हैं।

प्रवक्ता ने कहा, लेकिन हाल में हमारे निर्माण कार्य को बाधित करने के लिए भारतीय सीमा प्रहरियों ने चीनी सीमा का अतिक्रमण किया, इसलिए हमें सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कार्रवाई करनी पड़ी है।

उन्होंने कहा, हमें चीनी र्दे से होते हुए भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा रोकनी पड़ी, ताकि भारत आगे की कार्रवाई करे, जिसपर हम निर्भर हैं। हमें सुरक्षा हालात में सुधार के लिए कार्रवाई करनी है।

भारतीय तथा चीनी सैनिक सिक्किम में सीमा पर आमने-सामने आ गए हैं और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उनकी सीमाओं का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।

इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप चीन ने भारतीय तीर्थयात्रियों की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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