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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने जी-7 के बयान की आलोचना की

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बीजिंग, 28 मई (आईएएनएस)| चीन ने रविवार को जी-7 के बयान की आलोचना की, जिसमें विवादित पूर्व और दक्षिण चीन सागर मुद्दे का उल्लेख किया गया है।

जी-7 समूह के देशों द्वारा शनिवार को जारी इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कैंग ने कहा कि इस समूह ने अंतर्राष्ट्रीय कानून की आड़ में पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर के मुद्दों में हस्तक्षेप किया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, लू ने कहा कि चीन वार्ता और परामर्श के जरिए संबंधित पक्षों के साथ विवादों को सुलझाने, सहयोग बढ़ाने और पूर्वी चीन सागर व दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

लू ने जी-7 और अन्य देशों से स्थिति को समझने, प्रासंगिक विवादों पर कोई रुख न अपनाने के प्रति वचनबद्ध रहने, विवादों को निपटाने के लिए क्षेत्रीय देशों द्वारा किए गए प्रयासों का पूरी तरह सम्मान करने और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां न करने का आग्रह किया।

चीन का पूर्व और दक्षिण चीन सागर पर जापान, फिलीपींस और अन्य देशों के साथ विवाद है।

चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना एकाधिकार जताता है, जबकि फिलीपींस और अन्य देश भी यही दावा करते हैं।

इसके अतिरिक्त चीन पूर्वी चीन सागर पर भी संप्रभुता का दावा करता है, जिस पर उसके कट्टर और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी जापान का भी दावा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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