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अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी प्रधानमंत्री केकियांग का नवाचार, उद्यमशीलता का आह्वान

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बीजिंग । चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा है कि बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता और नवाचार विकास के नए स्रोत बन गए हैं और केंद्र सरकार इस तरह की गतिविधियों को सहयोग जारी रखेगी। ली ने सोमवार को बीजिंग में आयोजित प्रथम व्यापक उद्यमशीलात एवं नवाचार कार्यक्रम में कहा कि चीन ने अर्थव्यवस्था के नए सामान्य रुझान में प्रवेश किया है। नवाचार और बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता को सहयोग देने जैसे संरचनात्मक सुधारों से रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है। इससे अधिक स्थाई मार्ग की ओर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद भी मिलती है।

ली ने कहा कि नवाचार एवं उद्यमशीलता से अधिक रोजगार सृजित होंगे, रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा, संरचनात्मक पुन:समायोजन को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था में मध्यम से लेकर उच्च वृद्धि दर में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को नवोन्मेषकों और उद्यमियों को ठोस सहयोग देना चाहिए। सार्वजनिक सेवाओं एवं उत्पादों में लगातार सुधार करना चाहिए, संबंधित बाधाएं हटानी चाहिए और विश्वास एवं साहस बढ़ाने के लिए सहनशीलता को बढ़ावा देना चाहिए।

गौरतलब है कि सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-सितंबर के दौरान उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मूल्यवर्धित उत्पादों में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, जो पूरे औद्योगिक क्षेत्र के आंकड़ों की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक है। एनबीएस के प्रवक्ता शेंग लेयुन ने कहा कि इस साल की शुरुआती तीन तिमाहियों में चीन में सरकार के पूरे साल के लक्ष्य की तुलना में अधिक रोजगार सृजित हुआ है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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