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अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी अधिकारी ने सेक्स के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया

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बीजिंग| कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) से निष्कासित और गिरफ्तार लिंग जिहुआ ने कई महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए, और उसने यौन संबंधों के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया था। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। अभियोजकों ने लिंग के संदिग्ध अपराधों की जांच शुरू की, और उसे गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सीपीसी से लिंग का निष्कासन और सार्वजनिक पद से उसे हटाने का निर्णय सीपीसी की केंद्रीय समिति की सोमवार को हुई एक बैठक में लिया गया।

बैठक में चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कांफ्रेंस (सीपीपीसीसी) की राष्ट्रीय समिति के पूर्व उपाध्यक्ष और सीपीसी की केंद्रीय समिति के युनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के पूर्व प्रमुख लिंग के संदिग्ध आपराधिक मामले को न्यायिक शाखा को स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया।

सुप्रीम पीपुल्स प्रोकुरेटोरे (एसपीपी) द्वारा सोमवार देर शाम जारी एक अलग बयान में कहा गया है कि अभियोजकों ने लिंग के संदिग्ध रिश्वतखोरी मामले की जांच शुरू की और उसे गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।

सीपीसी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो की बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, जांच में पाया गया कि लिंग ने राजनीतिक अनुशासन और सीपीसी के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया और साथ ही पार्टी के सांगठनिक और गोपनीयता संबंधित अनुशासन का भी उल्लंघन किया। उन्होंने दूसरों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और निजी तौर पर तथा अपने परिवार के जरिए भारी रिश्वत स्वीकारी।

लिंग ने कानूनों और अनुशासन का उल्लंघन करते हुए पार्टी का एक बड़ा सौदा और राज्य की प्रमुख गोपनीयता हासिल कर ली। उन्होंने ईमानदारी और स्वानुशासन के नियमों का उल्लंघन किया, निजी तौर पर तथा अपनी पत्नी के जरिए दूसरों से धन और सामाना स्वीकारे और अपनी पत्नी के कारोबार के लिए लाभ हासिल किया।

बयान में कहा गया है कि लिंग ने कई महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाए और इसके लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।

जांच में यह संकेत भी मिला है कि लिंग अन्य आपराधिक मामलों में भी लिप्त हो सकते हैं।

बयान के अनुसार, सीपीसी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो ने लिंग के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय 22 दिसंबर, 2014 को लिया।

इस वर्ष फरवरी में सीपीपीसीसी की राष्ट्रीय समिति की एक बैठक में घोषणा की गई कि लिंग को सीपीसीसी की राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है और देश की शीर्ष राजनीतिक सलाहकार संस्था, सीपीपीसीसी की उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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