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प्रादेशिक

चिकित्सा संस्थानों पर ‘भूत शिक्षकों’ का साया

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चंडीगढ़| चिकित्सा का क्षेत्र भले ही भूतों के अस्तित्व पर विश्वास नहीं करता, लेकिन निजी चिकित्सा विद्यालयों द्वारा अपनाए जा रहे अनैतिक तरीकों और अनैतिकता की हद लांघ चुके चिकित्सकों ने संस्थानों में दी जा रही शिक्षा के मानक पर सवाल खड़ा कर दिया है।

हाल में की गई जांच के दौरान पंजाब चिकित्सा परिषद (पीएमसी) ने 436 ‘भूत’ शिक्षकों का पता लगाया।

पीएमसी ने पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के चार निजी चिकित्सा संस्थानों की जांच की, जिसमें मिले तथ्यों के बाद इन संस्थानों और यहां शिक्षा प्राप्त कर निकलने वाले चिकित्सकों द्वारा अपनाए जा रहे अनैतिक तरीकों को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है।

पीएमसी दल ने पाया कि चिह्नित किए गए 436 चिकित्सकों में से अधिकांश पंजाब में कार्य कर रहे हैं और इसके साथ ही चार अन्य चिकित्सा संस्थानों में एकसाथ कार्यरत हैं।

जिन चार चिकित्सा संस्थानों को इसमें लिप्त पाया गया है उनमें एम. एम. (महर्षि मरक डेश्वर) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च, मुल्लाना (अंबाला-हरियाणा/240 डॉक्टर), एम. एम. मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल, कुमारहाटी (हिमाचल प्रदेश/84 डॉक्टर), ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल, बनुर (पंजाब/64 डॉक्टर) एंड आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, बठिंडा (पंजाब/48 डॉक्टर) शामिल हैं।

इन संस्थानों के रिकार्ड में चिकित्सकों को अच्छे भुगतान पर फैकल्टी सदस्य के रूप में दिखाया गया है, हालांकि ये चिकित्सक कभी कोई क्लास नहीं लेते हैं।

पीएमसी की जांच में इस रहस्य का भी पर्दाफाश हुआ कि एक संस्थान की नैतिकता समिति की अध्यक्षता करने वाला चिकित्सक भी ‘फर्जी’ शिक्षकों की सूची में शामिल है।

भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) का दिशानिर्देश स्पष्ट कहता है कि अंशकालिक और अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त चिकित्सक चिकित्सा संस्थानों में नियमित कक्षाएं नहीं ले सकते।

इन लज्जाजनक खुलासों का सामना करने के बाद पीएमसी ने डॉक्टरों का पंजीयन निलंबित या निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पीएमसी के अध्यक्ष जी. एस. ग्रेवाल ने आईएएनएस से कहा, “हम संबंधित चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहे हैं। उनके जवाब के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यदि वे वास्तव में दूसरे राज्य में इन संस्थानों में शिक्षा दे रहे होंगे तो उनका नाम पीएमसी की सूची से बाहर निकाल दिया जाएगा।”

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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