मुख्य समाचार
चांडी ने किया कोच्चि बिनाले का शुभारंभ
कोच्चि| केरल में आयोजित समकालीन कला की अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी कोच्चि मुजिरिस बिनाले (केएमबी) शुक्रवार को उमंग के शिखर पर रही, जब भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने 108 दिनों तक चलने वाले उत्सव का आधिकारिक शुभारंभ किया। बिनाले के इस संस्करण का विषय ‘ह्वोर्ल्ड एक्सप्लोरेशन’ रखा गया है।
कोच्चि में शुक्रवार को उत्सव के उद्धाटन कार्यक्रम की शुरुआत 305 कलाकारों की प्रस्तुति से हुई, जिसमें ड्रम, झांझ, पाइप और सींग के साथ पारंपरिक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के बीच में बारिश शुरू हो गई, लेकिन दर्शकों ने छाते के नीचे बैठकर प्रस्तुति का लुत्फ उठाया।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी और दूसरे गणमान्य लोगों के कार्यक्रम में आने तक आयोजन स्थल पूरी तरह बारिश में भीग चुका था, लेकिन चांडी सहित सभी गणमान्य लोगों ने बारिश के बीच डटे रहकर लोगों को संबोधित किया।
चांडी ने कहा, “केरल पूरी दुनिया के लिए कला का प्रवेश द्वार बन गया है।”
उन्होंने कहा, “बिनाले की हर एक कलाकृति अपने आप में अदभुत है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार केएमबी को दो करोड़ रुपये से ज्यादा अनुदान देने की बात पर विचार कर रही है। राज्य सरकार ने बिनाले के इस संस्करण के लिए दो करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।
केरल के सांस्कृतिक मंत्री के. सी. जोजफ ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा, “हमने बारिश के साथ शुरुआत की है और गरज के साथ खत्म करेंगे।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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