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रियो ओलम्पिक (चक्का फेक) : सीमा ने भी किया निराश, फाइनल में नहीं पहुंच सकीं

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चक्का फेक

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चक्का फेकरियो डी जनेरियो| भारत की चक्का फेक एथलीट सीमा पूनिया यहां जारी 31वें ओलम्पिक खेलों से बाहर हो गई हैं। सीमा सोमवार (भारतीय समयानुसार मंगलवार) को इस स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। क्वालीफाईंग के ग्रुप-बी में सीमा ने नौवां और कुल 20वां स्थान हासिल किया। सीमा ने 57.58 मीटर की दूरी नापी जबकि क्वालीफाई करने के लिए 62 मीटर चक्का फेकना जरूरी था।

सीमा अगर दोनों ग्रुपों से बने वरीयता क्रम में 12वें स्थान पर भी आती तो वह फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकती थीं।

सीमा ने ओलम्पिक स्टेडियम में अपने पहले प्रयास में 57.58 मीटर की दूरी नापी। दूसरे प्रयास में वह अयोग्य करार दी गईं जबकि तीसरे प्रयास में सीमा ने 56.78 की दूरी नापी।

फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली 12 एथलीटों में 8 ऐसी हैं, जिन्होंने 62 मीटर के स्वत: क्वालीफाईंग सीमा को पार किया है जबकि चार ऐसी है, जिन्होंने अधिकतम दूरी नापी है।

इन चार एथलीटों में सिर्फ एक ही ग्रुप-बी से है जबकि तीन ग्रुप ए से हैं। ऐसे में अगर सीमा अपना व्यक्तिगत 62.62 मीटर की दूरी नापतीं तो वह फाइनल में पहुंच सकती थीं।

एशियाई चैम्पियन सीमा अपने व्यक्तिगत श्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी दूर रहीं। यहां तक की वह लंदन ओलम्पिक के अपने 61.91 मीटर से भी काफी पीछे रहीं। लंदन में वह 13वें स्थान पर थीं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में बोले पीएम मोदी- TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं

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कोलकाता। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पश्चिम बंगाल के मथुरापुर पहुंचे। जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के निशाने पर टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रही हैं। उन्होंने कहा है कि टीएमसी पूरी तरह बौखलाई हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि 2024 का ये लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग है, अद्भुत है. ये चुनाव खुद आगे बढ़कर देश की जनता लड़ रही है क्योंकि, उसी जनता ने 10 साल की विकास यात्रा भी देखी है और 60 वर्षों की दुर्गति भी देखी है. देश के करोड़ों गरीब जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे. भारत जैसे देश में भुखमरी की खबरें आम होती थीं. करोड़ों लोगों के सिर पर छत नहीं थी. महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थीं. पीने के लिए पानी नहीं था. 18 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं थी. उद्योगों के लिए संभावनाएं भी नहीं थीं. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये भी था कि सुधार के लिए चर्चा भी नहीं होती थी.

उन्होंने कहा कि TMC और इंडी जमात वाले बंगाल को विपरीत दिशा में लेकर जा रहे हैं. बीजेपी से बंगाल के लोगों का प्यार टीएमसी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है इसलिए टीएमसी बुरी तरह बौखलाई हुई है. अब टीएमसी के पास मोदी की पहल में बाधा डालना ही एकमात्र हथियार बचा है. महिला हेल्पलाइन केंद्रों से लेकर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार तक, टीएमसी इस क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करती है. बंगाल के लोग टीएमसी के घिनौने इरादों की कीमत चुका रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीएमसी की जिद का बहुत बड़ा नुकसान इस क्षेत्र के लाखों मछुआरों को हो रहा है. केंद्र सरकार मछुआरे भाई-बहनों के लिए इतनी सारी योजनाएं चला रही है. हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी, पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू की, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया गया, लेकिन यहां भी टीएमसी सरकार का वही रवैया रहा कि हम ये होने नहीं देंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी बंगाल की पहचान को खत्म करने में लगी है. ये बंगाल के मठों को, साधु संतों तक को नहीं छोड़ रहे. ये पार्टी इस्कॉन, रामकृष्ण मठ और भारत सेवाश्रम जैसी संस्थाओं को गाली दे रही है. इनके गुंडे मठों पर हमला कर रहे हैं.

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