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गृह मंत्रालय सीएनजी घोटाले की जांच को ‘अवैध’ नहीं कह सकता : सिसोदिया

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नई दिल्ली| केंद्रीय गृहमंत्रालय को कथित सीएनजी फिटनेस घोटाले में दिल्ली सरकार की जांच को ‘अवैध’ करार देने का अधिकार नहीं है। यह बात बुधवार को दिल्ली सरकार ने कही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने करोड़ों रुपये के इस कथित घोटाले की जांच को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार न तो गृहमंत्रालय का ‘अधीनस्थ विभाग’ है और न ही इसके प्रति ‘जवाबदेह’ है।)

सिसोदिया ने पत्र में लिखा, “संविधान के तहत गृहमंत्रालय के पास दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के किसी भी आदेश को निर्थक घोषित करने का अधिकार नहीं है।”

उन्होंने लिखा, “जीएनसीटीडी के किसी भी आदेश को निर्थक और अमान्य करार देने का अधिकार सिर्फ न्यायपालिक को है।”

सिसोदिया ने पत्र में कहा है, “गृह मंत्रालय न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण करता दिख रहा है।”

सीएनजी फिटनेस घोटाला 2012 में सामने आया था। भ्रष्टाचार निरोधी शाखा(एसीबी) की जांच में खुलासा हुआ था कि दिल्ली सरकार को बुराड़ी स्थित परिवहन प्राधिकरण कार्यालय में सीएनजी वाहनों की जांच एवं प्रमाणन के संचालन का ठेका ईएसपी यूएस के बजाय ईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में हुई कथित अनियमितता के कारण 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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