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गुजरात चुनाव में फिर चला मोदी ब्रांड, जीत के ये रहे 4 कारण

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नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में मोदी का कद लगातार बढ़ रहा है। देश में मोदी लहर अब भी कम नहीं हुई है। कांग्रेस लगातार भाजपा को हराने का दावा करती हो लेकिन हाल के दिनों में उसके सारे दांवे खोखले साबित हुए है। ताजा उदारहण गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव परिणाम को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। इस परिणाम से साबित हुआ कि देश की जनता अब भी मोदी के साथ है। दूसरी ओर कांग्रेस को नई राह दिखाने वाले राहुल गांधी अब भी मोदी के सामने कमजोर साबित हो रहे हैं।

कांग्रेस का अध्यक्ष पद सम्भालने वाले राहुल गांधी ने गुजरात का रण जीतने के लिए कड़ी मेहनत की थी लेकिन शुरुआती रुक्षानों में थोड़ी कांग्र्रेस को बढ़त मिली थी लेकिन बाद में पूरी लहर भाजपा की ओर चली गई। हालांकि गुजरात और हिमाचल दोनों जगह भाजपा ने मैदान मार लिया है। गुजरात चुनाव में मिली जीत से एक बात तो साफ हो गई है कि देश में अब भी मोदी को लेकर लोगों में क्रेज देखा जा सकता है। हालांकि गुजरात के परिणाम को देखकर लगा कि कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। कांग्रेस की हार के मुख्य चार कारण हो सकते हैं।

मणिशंकर अय्यर : कांग्रेस ऐसे गुजरात में अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी लेकिन आखिरी दौर में मणिशंकर अय्यर ने मोदी पर तीखा हमला करते हुए उनको नीच आदमी बता डाला था। इसके बाद तो भाजपा ने कांग्रेस को लपेट लिया और लगातार वार-वार पर करना शुरू कर दिया। मोदी ने अंतिम दौर में कई रैलियों में इस बात को जोरदार तरीके से उठाया और कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया। मोदी ने हर रैली में अपने ऊपर लगाये गए इल्जाम को अपने अंदाज में जवाब दिया। दूसरी ओर कांग्रेस इससे आगे निकल नहीं पाई और अय्यर का बयान उसके लिए घातक साबित हुआ। मोदी ने हर वो बात उठानी शुरू कर दी थी जिन्हें लेकर उन्हें लेकर व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया गया था। दूसरी ओर कांग्रेस केवल नोटबंदी और जीएसटी के चक्कर में रह गई।

पाटीदार नेताओं की भूमिका : गुजरात चुनाव में अगर सबसे ज्यादा चर्चा किसी की हुई तो वह पाटीदार नेताओं को लेकर। गुजरात का रण जीतने के लिए पाटीदार नेताओं की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही थी लेकिन पाटीदारों पर वहां की जनता का विश्वास कम दिखा। राजनीति के जानकारों की मानें तो पाटीदारों के साथ कांग्रेस ने समझौता किया लेकिन काफी देर बाद। चुनाव के ऐन वक्त पर पाटीदारों के साथ हाथ मिलाना जनता को रास नहीं आया और शायद जनता भी पाटीदार नेताओं को उतना समर्थन नहीं दे पाई जितनी उसने उम्मीद लगा रखी थी।

मोदी की धुंआधार रैलियां : गुजरात चुनाव में राहुल गांधी लगातार अपनी पैठ जमाने के लिए कड़ी मेहनत करते नजर आये। उन्होंने कई बड़ी रैलिया की और जनता के बीच भी गए लेकिन जनता ने उनकों समर्थन नहीं दिया। दरअसल सारा समीकरण तभी बदल गया जब चुनावी दंगल में पीएम मोदी ने धुंआधार रैलियां करनी शुरू कर दी। राहुल की सारी उम्मीदों पर मोदी ने अपनी रैलियों के सहारे पानी फेर दिया। हालांकि इस चुनाव में विकास के मुद्दो से अलग हटकर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का दौर शुरू हो गया, विकास का मुद्दा गायब था दूसरे मुद्दों जैसे पाक को बीच लाया गया। हालांकि शुरुआती रैलियों में राहुल ने विकास का मुद्दा उठाया लेकिन बाद में वह भी इस मुद्दे से भटक गए।

कुछ नेताओं ज्यादा भरोसा: कांग्र्रेस इस चुनाव में कुछ नेताओं के सहारे अपनी कश्ती को आगे बढ़ाना चाहती थी। हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी के सहारे कांग्रेस गुजरात जीतना चाहती थी लेकिन जनता उसे नकार दिया।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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