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लाइफ स्टाइल

गर्भनिरोधकों का प्रयोग घटा, आबादी बढ़ी

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8 सालों में भारत की आबादी तेजी से बढ़ी, गर्भनिरोधकों के प्रयोग में 35 फीसदी की कमी

contraceptive

नई दिल्ली| साल 2016 तक पिछले 8 सालों में भारत की आबादी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि गर्भनिरोधकों के प्रयोग में 35 फीसदी की कमी आई है, जबकि गर्भपात और आपातकालीन गोलियों का इस्तेमाल दोगुना बढ़ा है (दोनों के गंभीर साइड इफेक्ट हैं और ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं)।

2011 तक एक दशक में साक्षरता में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके बावजूद गर्भनिरोध के खतरनाक उपाय (गोलियां और गर्भपात) बेहतर शिक्षित भारतीयों चाहे वे गरीब हों या अमीर के बीच प्रयोग बढ़ा है।

देश की आबादी फिलहाल अनुमानत: 1.32 अरब है जो अगले छह सालों में चीन को पीछे छोड़ देगी और साल 2050 तक 1.70 अरब हो जाएगी, जबकि इस दौरान लाखों महिलाएं असुरक्षित गर्भपात के दौरान जान गंवा सकती हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 सालों में कंडोम के इस्तेमाल में 52 फीसदी और नसबंदी में 73 फीसदी कमी आई है, जो पुरुषों में जन्म नियंत्रण के प्रति अनिच्छा दर्शाती है। गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग भी इस दौरान 30 फीसदी घटा है।

साल 2008-09 के दौरान जहां 3 लाख पुरुष नसबंदी के लिए तैयार हुए थे और 55 लाख महिलाओं ने आईयूसीडी (इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस) लगवाया था। वहीं, आईयूसीडी लगवाने के लिए इतनी ही संख्या में महिलाएं अब भी आ रही हैं, लेकिन नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या काफी घट गई है।

फेडरेशन ऑफ ऑबस्ट्रेटिक एंड गायनोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (एफओजीएसआई) की उप महासचिव नोजर शेरिआर का कहना है, “लोगों को लगता है कि सबकुछ महिलाओं को ही झेलना चाहिए।”

सरकार गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पिछले महीने महिलाओं के विवादापस्द गर्भनिरोधक टीके को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में शामिल करने की जानकारी देते हुए कहा था कि बेहतर गर्भनिरोधक के उपयोग से दुर्घटनावश गर्भावस्था और आबादी बढ़ने पर रोक लगती है।

गैरसरकारी संगठन आईपीएस के उमेश कुलकर्णी का कहना है कि भारतीय पुरुषों का मानना है कंडोम के प्रयोग से आनंद में कमी आती है और नसबंदी से उनका पुरुषत्व चला जाएगा।

कंडोम गर्भनिरोध के अन्य सभी उपायों से बेहतर उपाय है, लेकिन लोग इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते। 2008-09 में कुल 66 करोड़ कंडोम बांटे गए, लेकिन 2015-16 के दौरान यह संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई। इस दौरान गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल भी 30 फीसदी घटा है।

(आंकड़ा आधारित, गैर लाभकारी, लोकहित पत्रकारिता मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। ये इंडियास्पेंड के निजी विचार हैं)

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लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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