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खुदकुशी से पहले किसान की बेटी ने लिखा सुसाइड नोट, पढ़कर आ जाएंगे आंसू  

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कर्ज में डूबे किसान पिता खुदकुशी न कर लें इसलिए बेटी ने दे दी जान

नई दिल्ली। आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी किसानों की दशा में कुछ ख़ास परिवर्तन नहीं आया है। मौजूदा समय में तो हालात इतने खराब हो गए हैं कि किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

चाहे यूपी हो या एमपी या फिर महाराष्ट्र। आए दिन किसान अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं। सरकारें किसानों की हितैषी बनने का दावा करती हैं लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है।

अब कुछ ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के मराठवाड़ा से सामने आया है जहां किसान की बेटी ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके पिता पर काफी कर्ज था।

बेटी को डर था कि कहीं कर्ज के चलते उसके पिता आत्महत्या न कर लें इसलिए उसने पहले ही खुदकुशी कर ली।

आत्महत्या करने वाली लड़की का नाम सारिका है और वह 12वीं क्लास की छात्रा थी। सारिका के पिता पर बैंक का कर्ज था। बारिश न होने के चलते उनकी फसल अच्छी नहीं हुई थी। उनके पास कमाई का कोई दूसरा जरिया भी नहीं था।

सारिका को डर था कि कहीं कर्ज के चलते पिता आत्महत्या न कर लें, इसलिए उसने एक सुसाइड नोट लिखकर पहले ही आत्महत्या कर ली। यहां आपको बता दें कि सारिका के सुसाइड से 5 दिन पहले उसके चाचा ने भी आत्महत्या कर ली थी।

ये लिखा था सुसाइड नोट में

सारिका ने सुसाइड नोट में यह लिखा था, ”प्रिय पापा, चाचा ने 5 दिन पहले फसल जल जाने से खेत में जाकर आत्महत्या की और अपने घर पर कर्ज का बोझ है। उसी में बारिश नहीं हो रही। आपने कर्ज लेकर जो बुवाई की वो फसल जल चुकी है। इससे आपका हाल और घर में फैला तनाव मुझसे देखा नहीं जा रहा। अपनी दीदी की पिछले साल शादी हुई, उसी की शादी के लिए लिया हुआ कर्ज अबतक चुका नहीं पाए और आप पर मेरी शादी की जिम्मेदारी है। इसलिए आप चाचा जैसी घटना (आत्महत्या) को अंजाम ना दे, इसलिए मैं मेरा जीवन समाप्त कर रही हूं।”

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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