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क्यों शिवराज के गले की फांस बनी भावांतर भुगतान योजना

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भोपाल| एक कहावत है, अपने ही पैर गले में फंसा लेना। ऐसा ही कुछ हुआ है, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ। वे वादा तो किसानों को राहत और फसल का उचित मूल्य दिलाने का करते हुए ‘भावांतर भुगतान योजना’ की शुरुआत कर गए। अब यही योजना उनके लिए मुसीबत बन रही है।

भावांतर योजना का फायदा न मिलने से किसान नाराज है। व्यापारी कम दाम पर उपज खरीद रहे हैं और किसानों को योजना के तहत भुगतान बाद में मिलेगा।

जबलपुर के मंझौली के किसान श्रवण पटेल बताते हैं कि वे मंडी में अपनी मूंग बेचने बड़ी उम्मीद से आए थे, मगर यहां आकर उनका मन दुखी हो गया, क्योंकि पिछले साल मूग 5200 रुपये क्विंटल बिकी थी, एक माह पहले भी यह 4200 से 5000 रुपये क्विंटल बिक रही थी, मगर भावांतर भुगतान की योजना के शुरू होते ही मूंग का दाम व्यापारियों ने गिराकर 2400 से 2600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। अब घाटे में कौन बेचे। वहीं सरकार भाव के अंतर के भुगतान की बात कह रही है, मगर भुगतान कब होगा, यह पता ही नहीं।

ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने 16 से 31 अक्टूबर के बीच किसानों केा योजना के लिए पंजीयन कराने केा कहा गया था। इस योजना में खरीफ की छह फसलें शामिल की गई है। यह ऐसी योजना है जिसमें सरकार ने तय किया है कि दो अन्य राज्यों के दाम के आधार पर मॉडल दाम तय करेंगे। इस स्थिति में मॉडल दर और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि को किसानों के खाते में जमा किया जाएगा।

राज्य सरकार ने मॉडल रेट को घोषित कर दिए हैं। इसके मुताबिक, सोयाबीन 2,580 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द 3,000 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का 1,190 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग 4,120 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली 3,720 रुपये प्रति क्विंटल और तिल का मडल रेट 5,440 रुपये प्रति क्विंटल रहेगी।

आम किसान यूनियन के केदार सिरोही कहते हैं कि जो सरकार ने मॉडल रेट तय किया है, वह अधिकतम विक्रय दर है, वहीं व्यापारी सरकार की घोषणा का लाभ उठाते हुए किसानों की फसल और कम दर में खरीद रहे हैं। लिहाजा किसान के हिस्से में नुकसान और व्यापारी को फायदा ही फायदा हैं। व्यापारी किसान से यही कह रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मॉडल रेट के अंतर को तो सरकार देगी, लेकिन वह खरीद रहा है, मॉडल रेट से भी कम पर।

राज्य की विभिन्न मंडियों में किसानों का गुस्सा फूट रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगातार अपील करना पड़ रही है कि वे किसानों के साथ हैं, उचित दाम मिलेगा, मगर कुछ लोग आग भड़काने की कोशिश में लगे हैं। किसान उनके बहकावे में न आएं।

इस मामले में चौहान को अपने दल के ही लोगों का साथ नहीं मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर का कहना है, “किसान को आज उपज बेचने पर पैसा चाहिए, मगर भावांतर योजना की राशि का भुगतान बाद में होगा। उसे जरुरत आज है, बाद में मिले पैसे से उसे क्या लाभ। लिहाजा, किसानों को भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए।”

इसी तरह पूर्व वित्तमंत्री राघवजी भाई ने भी भुगतान प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए हैं। वे कहते हैं कि योजना तो अच्छी है मगर उसे अमल में लाने में कई खामियां हैं।

किसानों के बढ़ते गुस्से से सरकार और संगठन दोनों चिंतित हैं। यही कारण है कि सरकार ने कृषि विभाग के एक बड़े अधिकारी से संगठन के नेताओं को प्रशिक्षण दिलाया। साथ ही उन्हें बताया गया कि इस योजनाओं की खूबियां मीडिया के जरिए किसानों तक पहुंचाएं।

सरकार दावा कर रही है कि सवा लाख किसानों ने विभिन्न मंडियों में इस योजना के तहत बीते साल के मुकाबले 23 प्रतिशत बेची है। सरकार इन किसानों को 197 करोड़ का भुगतान करने जा रही है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का आरोप है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। मुख्यमंत्री, तंत्र और भाजपा में भावांतर को लेकर जो मतभेद हैं, उसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

सिंह ने कहा की कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने भावांतर योजना को लेकर बयान दिया है कि व्यापारियों ने काकस बना लिया, किसानों को कुछ नहीं मिलेगा।’ यह हकीकत बयां करने के लिए काफी है।

सांसद अनूप मिश्रा ने भी एक पत्र लिखकर कहा कि, यह किसानों के लिए नहीं अधिकारियों ने वल्लभ भवन में बैठकर योजना बनाई है।

किसान अरसे से अपनी समस्याओं को लेकर सड़क पर उतर रहे हैं। मंदसौर मे ंतो किसानों पर चली गोली में छह किसानों की जान गई थी। उसके बाद से किसानों को प्याज के दाम सही नहीं मिले तो आंदोलन किया, तब सरकार ने प्याज खरीदी की। उसके बाद मुख्यमंत्री चौहान केा लगा कि, भावांतर योजना से किसानों का दिल जीत लिया जाएगा, मगर अभी तक जो तस्वीर सामने आई है, वो तो यही बताती है कि यह योजना ही उनके गले की हड्डी बन गई है।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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