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अन्तर्राष्ट्रीय

कैटालोनिया के नेता स्वतंत्रता की घोषणा करने में नाकाम रहे

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मैड्रिड, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| कैटालोनिया के स्वायत्त स्पेनिश क्षेत्र के राष्ट्रपति सोमवार को यह स्पष्ट करने में नाकाम रहे कि उनके प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर स्पेन से कैटालोनिया की स्वतंत्रता की घोषणा की है, इसके बजाय उन्होंने वार्ता का आह्वान किया। बीबीसी की खबर के मुताबिक, स्पेनिश प्रधानमंत्री मैरिएनो रजॉय को लिखे एक पत्र में, कैटालोनिया के नेता कार्ल्स प्यूग्डमोंट ने उत्तर-पश्चिम स्पेन के इस क्षेत्र की स्थिति पर दो महीने तक बातचीत के लिए कहा है। कैटालोनिया में 1 अक्टूबर को विवादित जनमत संग्रह किया गया था जिसमें कैटालोनिया की आजादी का समर्थन किया गया था।

रजॉय ने सोमवार सुबह 10 बजे तक का समय सीमा प्यूग्डमोंट को दिया था। उन्होंने पूछा था कि क्या जनमत संग्रह के परिणाम के संदर्भ में पिछले सप्ताह कैटालान की संसद में प्यूग्डमोंट द्वारा दिए गए अस्पष्ट भाषण को आजादी की घोषणा समझा जाए?

रजॉय ने कैटालोनिया को नोटिस दे रखा है कि अगर उसने आधिकारिक रूप से विभाजन घोषित किया तो वह स्पेनिश संविधान के अनुच्छेद 155 में निहित प्रावधानों का प्रयोग करते हुए कैटालान प्रशासन को भंग कर नए चुनाव कराएंगे।

प्यूग्डमोंट ने पिछले हफ्ते कैटालान संसद में कहा था कि जनमत संग्रह में 90 प्रतिशत मतदाता स्पेन से अलग होने के पक्ष में रहे जिसके कारण इस क्षेत्र ने खुद को एक स्वतंत्र गणतंत्र घोषित करने का अधिकार अर्जित किया है। लेकिन, मुद्दे पर वार्ता के लिए उन्होंने नतीजे के प्रभाव पर अमल को निलंबित कर दिया।

प्यूग्डमोंट ने अपने पत्र में रजॉय को लिखा, 1 अक्टूबर को मतदान के बाद इसके परिणाम का हमारे द्वारा निलंबन, हमारे समाधान खोजने और टकराव से बचने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने लिखा है, बातचीत के लिए हमारा आह्वान ईमानदार और सच्चा है। इसलिए अगले दो महीनों में हमारा मुख्य उद्देश्य आपको बातचीत करने के लिए आमंत्रित करना है और उन सभी अंतर्राष्ट्रीय, स्पैनिश और कैटालान की संस्थानों और व्यक्तियों को आमंत्रित करना है जिन्होंने इस मामले में मदद की अपनी इच्छा को व्यक्त किया है।

स्पेन के उप प्रधानमंत्री सोरया सेनज डे सांतामारिया को इस पत्र का जवाब देना है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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