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प्रादेशिक

केरल : विधानसभा उप-चुनाव में भाजपा प्रत्याशी होंगे राजगोपाल

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तिरुवनंतपुरम | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल के अरुविक्कारा सीट पर 27 जून को होने वाले विधानसभा उप-चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री 85 वर्षीय ओ. राजगोपाल को रविवार को अपना प्रत्याशी घोषित किया। 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में भाजपा का एक भी सदस्य नहीं है।

पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वी. मुरलीधरन ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से कहा, “राजगोपाल को प्रत्याशी बनाए जाने के निर्णय से राष्ट्रीय नेतृत्व को सूचित कर दिया गया है।” केरल विधानसभा के सभापति जी. कार्तिकेयन के निधन के कारण राज्य की राजधानी के अरुविक्कारा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव कराना पड़ रहा है। कार्तिकेयन का निधन इसी वर्ष मार्च में हुआ।

उप-चुनाव में मुख्य मुकाबला तीन प्रत्याशियों के बीच माना जा रहा है। तीन मुख्य प्रत्याशियों में राजगोपाल के अलावा कांग्रेस प्रत्याशी कार्तिकेयन के 31 वर्षीय पुत्र के. एस. सबरीनाथन, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रत्याशी 65 वर्षीय एम. विजयकुमार शामिल हैं। माकपा के विजयकुमार भी केरल विधानसभा में सभापति और मंत्री रह चुके हैं, वहीं राजगोपाल को केरल में भाजपा का सबसे कद्दावर नेता माना जाता है। राजगोपाल तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से 1999, 2004 और 2014 में चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें कभी भी जीत नहीं मिली।

पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव में राजगोपाल कांग्रेस प्रत्याशी शशि थरूर के बाद दूसरे स्थान पर रहे। इसके अलावा राजगोपाल ने 2011 में नेमन विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। 2012 में नेयाटिंकारा विधानसभा सीट से उप-चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की।

उत्तर प्रदेश

आजमगढ़ में फॉरेंसिक लैब व हाथरस में नए जिला कारागार के निर्माण कार्यों में तेजी लाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। वहीं, प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में प्रयासरत तथा प्रदेश में क्राइम कल्चर पर नकेल कसने में कामयाब हुई योगी सरकार ने अब आजमगढ़ में फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में नए जिला कारागार के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाई है। योगी सरकार द्वारा योजना विभाग की टेक्निकल सेल को इस कार्य को पूरा कराने का जिम्मा सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि आजमगढ़ में 39 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से फॉरेंसिक लैब तथा हाथरस में 146 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से नए जिला कारागार का निर्माण होना है, ऐसे में इन सभी कार्यों को तय समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए इस पर योगी सरकार का विशेष फोकस है।

योजना विभाग की टेक्निकल सेल को सौंपा गया है जिम्मा

योजना विभाग की टेक्निकल सेल द्वारा इन कार्यों को पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी के निर्धारण के प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) माध्यम से पूर्ण किए जा रहे हैं। ऐसे में, पीएमसी एजेंसी के निर्धारण के जरिए परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण की गुणवत्ता व प्रगति को सुनिश्चित करने और निर्धारित समयावधि में पूरा करने में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया की पूर्ति के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरपीएफ) माध्यम के जरिए आवेदन मांगे गए हैं।

18 महीने में निर्माण कार्यों को करना होगा पूर्ण

दोनों ही परियोजनाओं की पूर्ति के लिए नियुक्त होने वाली पीएमसी एजेंसी को कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूर्ण करना होगा। एक ओर, जहां आजमगढ़ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक लैब के निर्माण संबंधी आर्किटेक्चरल डिजाइन को कार्यावंटन के उपरांत पीएमसी एजेंसी को 75 दिनों में पूरा करना होगा। आर्किटेक्चरल डिजाइन के पूरा हो जाने के बाद सभी निर्माण कार्यों को 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। पूरी कार्यावधि के दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबेलिटी पीरियड निर्धारित किया गया। इसी प्रकार, हाथरस में निर्माणाधीन नवीन जिला कारागार के लिए कार्यावंटन प्राप्त करने वाली पीएमसी एजेंसी को ये सुनिश्चित करना होगा कि 18 महीनों में सभी निर्माण कार्यों को पूरी गुणवत्ता अनुरूप पूरा कर लिया जाए। इस दौरान पीएमसी एजेंसी को सुपरविजन एजेंसी के तौर पर कार्य करना होगा तथा परियोजना के अंतर्गत 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड निर्धारित किया गया है।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों को करना होगा पूर्ण

पीएमसी एजेंसी को दोनों ही परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्यों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग प्रक्रिया को पूरा करना होगा। उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि दोनों ही परियोजनाओं में इस दौरान रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाए। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम करना होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को भी एजेंसी की देखरेख में पूर्ण किया जाएगा।

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