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हेल्थ

कुष्ठ रोग मुक्त भारत की जिम्मेदारी नौजवानों की : सासाकावा

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नई दिल्ली, 8 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय कुष्ठ सम्मेलन में मुख्य अतिथि एवं निप्पोन फाउंडेशन के चेयरमैन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के गुडविल एंबेस्डर योहेई सासाकावा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इस देश को कुष्ठ रोग से मुक्त करना चाहते थे। अब यह जिम्मेदारी देश के नौजवानों की है।

अब यह जिम्मेदारी देश के नौजवानों की है। सासाकावा ने कहा, किसी व्यक्ति में कुष्ठ रोग उभरने का प्रारंभिक स्टेज पर ही पता लगाना चाहिए। नौजवानों को इस दिशा में अपनी ओर से भरसक प्रयास करने चाहिए।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एंटी लेप्रोसी एसोसिएशंस (आईएलईपी-इंडिया) की ओर से भारत में पहली बार पांच-सात दिसंबर आयोजित इस सम्मेलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को साझा किया।

इस सम्मेलन का मकसद सभी भागीदारों को एक मंच पर लाकर अपने अनुभवों को एक-दूसरे के साथ बांटना, एक-दूसरे से सीखना और राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम में सुधार के उपाय को लागू करने की सिफारिश करना था।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवदीप रिणवा ने कहा कि 2005 से कुष्ठ रोग से पीड़ित मरीजों, जिनके इस रोग से प्रभावित होने की पहचान हो चुकी है, की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।

उन्होंने कहा, 2017 में कुष्ठ रोग से प्रभावित 35 हजार नए मामले सामने आए हैं। कुष्ठ रोग के मामलों की पहचान के लिए एलसीडीसी नाम का अभियान चलाया जा रहा है, जिससे कुष्ठ रोग से पीड़ित और अधिक मामलों का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाया जा सके। एलसीडीसी नाम का अभियान भारत के 52 जिलों में चलाया जा रहा है।

कुष्ठ रोग के मामलों की पहचान के लिए एक अभियान (एलसीडीसी) शुरू किया गया है। 2016 में चलाए गए इस अभियान को 20 राज्यों के 163 जिलों में शुरू किया गया। इस अभियान में 30 करोड़ 60 लाख की जनसंख्या को कवर किया गया। आज की तारीख तक इसमें कुष्ठ रोग से पीड़ित 34,000 मरीज होने की पुष्टि की गई। इस क्रम में साढ़े पांच लाख से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की पुष्टि की गई।

इस सम्मेलन को नोवारतिस फांउडेशन, द निप्पोन फाउंडेशन, आईएलईपी, डब्ल्यूएचओ, एचकेएनएस, आईएई और सेंट्रल लेप्रोसी डिविजन (सीएलडी) की ओर से समर्थन प्राप्त था।

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लाइफ स्टाइल

गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल

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benefits of eating radish daily in summer

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नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।

इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?

RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।

दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।

ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।

मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।

न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।

स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।

इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।

हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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