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लाइफ स्टाइल

किडनी के रोगों में अपनाएं 8 नियम

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नई दिल्ली। हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं। किडनी (गुर्दों) में खराबी किसी भी उम्र हो सकती है। इसके दो प्रमुख कारण- डायबिटीज और हाईब्लड प्रेशर हैं। इसके अलावा दिल का रोग भी एक कारण होता है। ऐसे में गुर्दे संबंधी रोग से बचने का उपाय तो अपनाएं ही, साथ ही आठ ऐसे नियम हैं, जिन्हें अपनाकर गुर्दे की बीमारी से बचा जा सकता है। एक ताजा अनुमान है कि 17 प्रतिशत शहरी भारतीय गुर्दों के रोग से पीडि़त हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि गुर्दों के क्षतिग्रस्त होने का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच और गुर्दे कैसे काम कर रहे हैं, इसके लिए रक्त की जांच की जाती है। पेशाब की जांच से एल्बुमिन नामक प्रोटीन का पता चलता है, जो सेहतमंद गुर्दों में मौजूद नहीं होता।

उन्होंने बताया कि रक्त जांच ग्लूमेरुलर फिल्ट्रशन रेट की जांच करता है। यह गुर्दो की फिल्टर करने की क्षमता होती है। 60 से कम जीएफआर गुर्दो के गंभीर रोग का संकेत होता है। 15 से कम जीएफआर गुर्दो के फेल होने का प्रमाण होता है।

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि गुर्दे की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए शरीर में पानी की उचित मात्रा रखनी होती है। इससे गुर्दो की लंबी बीमारी का खतरा बेहद कम हो जाता है। गुर्दो के रोग पाचनतंत्र के विकार और हड्डियों के रोग से जुड़े होते हैं और यह पेरिफेरल वस्कुलर रोगों, दिल के रोगों और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के लिए बड़े खतरे का कारण होते हैं।

गुर्दे को फेल होने से बचाने के 8 नियम :

  • तंदुरुस्त और सक्रिय रहें। इससे आपका रक्तचाप कम रहता है, जो गुर्दो की सेहत बनाए रखता है।
  • ब्लड श्ुगर को नियमित रूप से नियंत्रित रखें, क्योंकि डायबिटीज वाले लोगों के गुर्दे क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है।
  • ब्लड प्रेशर की निगरानी रखें। यह गुर्दो की क्षति का आम कारण होते हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। 128 से 89 को प्रि-हाईपरटेंशन माना जाता है और इसमें जीवनशैली और खानपान में बदलाव करना होता है। 140/90 से अधिक होने पर अपने डॉक्टर से खतरों के बारे में बात करें।
  • सेहतमंद खाएं और वजन नियंत्रित रखें। नमक का सेवन घटाएं, प्रतिदिन केवल 5 से 6 ग्राम नमक ही लेना चाहिए। इसके लिए प्रोसेस्ड और रेस्तरां से खाना कम से कम खाएं और खाने में ऊपर से नमक न डालें। अगर आप ताजा चीजों के साथ खुद खाना बनाएं, तो इससे बचा जा सकता है।
  • उचित तरल आहार लें : पारंपरिक ज्ञान प्रतिदिन डेढ़ से दो लीटर यानी तीन से चार बड़े गिलास पानी पीने की सलाह देता है। काफी मात्रा में तरल लेने से गुर्दो से सोडियम, यूरिया और जहरीले तत्व साफ हो जाते हैं, जिससे गुर्दो के लंबे रोग पैदा होने का खतरा काफी कम हो जाता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा तरल भी न लें,क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।
  • धूम्रपान न करें, इससे रक्त का बहाव कम होता है और इससे गुर्दो के कैंसर का खतरा भी 50 प्रतिशत बढ़ जाता है।
  • अपनी मर्जी से दवाएं न खाएं। आईब्रूफेन जैसी दवाएं अगर नियमित तौर पर ली जाएं तो यह गुर्दो को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • अगर आपको एक या ज्यादा हाई रिस्क फैक्टर हैं, तो गुर्दो की कार्यप्रणाली की जांच जरूर करवाएं।
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लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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