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कश्मीर में ‘वीडियो वॉर’, उमर अब्दुल्ला के इस कदम ने आग में डाला घी

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श्रीनगर। कश्मीर में ‘वीडियो वॉर’ छिड़ता नजर आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय युवकों द्वारा चुनावी ड्यूटी में लगे सीआरपीएफ जवानों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कुछ तस्वीरें और वीडियो ट्विटर पर शेयर किए हैं।

उमर ने ट्वीट कर कहा, “इस युवक को सेना की एक जीप के सामने बांधा गया, ताकि कोई जीप पर पथराव न करे? यह बेहद स्तब्ध करने वाली घटना है।” अगले ट्वीट के साथ उन्होंने 15 सेकंड की एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा, ‘इसका वीडियो भी है। इसमें एक चेतावनी सुनी जा सकती है कि पत्थरबाजों का यह अंजाम होगा। इस मामले में तुरंत जांच होनी चाहिए।’

इस वीडियो से कश्मीरियों में गुस्से की लहर फैल गई है। वीडियो पर टिप्पणी करते हुए एक कश्मीरी युवक ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “एक लडक़े को बिल्कुल करीब से गोली मार दी गई और एक अन्य लडक़े को सेना की एक जीप से बांध दिया गया। ऐसे वीडियो देखने के बाद क्या करना चाहिए?”

हालांकि कुछ ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने सेना के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पथराव की घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। फ्रस्टेटिडइंडियन’ के हवाले से एक ट्वीट में कहा गया है, “कोई भी पत्थरबाजी करे, उसे बांध दीजिए और उसके पत्थरबाज भाइयों को सिर खुजाने दीजिए। यह विचार पहले ही आ जाना चाहिए था।”

कश्मीर संबंधित वीडियो की सत्यता की जांच जरूरी : वी.के. सिंह
मुंबई। विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा बलों की एक जीप से बंधे कश्मीरी युवक से संबंधित वीडियो क्लिप पर कुछ भी कहने से पहले उसकी सत्यता जानना जरूरी है।

सिंह ने यहां एक संगोष्ठी से अलग मीडिया से कहा, “कैसा वीडियो है? किसने इस वीडियो को पोस्ट किया?” पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, “जब तक इस वीडियो की सच्चाई पता नहीं चल जाती, तब तक इस पर प्रतिक्रिया दे पाना मुश्किल है।” रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता, कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान में कहा, “वीडियो की सामग्री की जांच की जा रही है।”

 

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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