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कश्मीर में फिर बिगड़े हालात, 3 आतंकी मारे गए, एक नागरिक की मौत

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LOC-Kashmir

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श्रीनगर | कश्मीर में गुरुवार को सुरक्षाबलों की लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ छह घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद घाटी के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों तथा सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुईं। इनमें एक नागरिक की मौत हो गई। कई महीनों तक हिंसा की आग में जलने के बाद घाटी में सामान्य होते हालात के लिए यह एक गहरा झटका है।

राज्य पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों पर पथराव करने के दौरान दक्षिण कश्मीर के संगम गांव का निवासी आरिफ अमीन शाह मारा गया। यह जगह उस गांव के पास ही है जहां मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मारे गए सभी आतंकवादी कश्मीरी हैं और लग रहा है कि दक्षिण कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। आतंकवादियों के मारे जाने की खबर फैलते ही दक्षिण कश्मीर में प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।

कुछ ग्रामीणों ने कुलगाम जिले के अरवानी गांव स्थित मुठभेड़ स्थल तक जाने का प्रयास किया। उन्होंने पुलिस व अर्ध सैनिक बलों पर पत्थर फेंके। पुलिस ने कहा कि शाह को कहीं से आकर एक गोली लगी, लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि वह सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारा गया। इस दौरान कम से कम एक दर्जन नागरिक घायल हुए, जिनमें एक की हालत नाजुक है।

अनंतनाग तथा कुलगाम जिले में कई जगहों पर झड़पें हुईं। दोनों जिले बीती आठ जुलाई को आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहानी वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। घाटी के हालात पटरी पर आने शुरू ही हुए थे, लेकिन गुरुवार को हुई हिंसा ने वानी की मौत के बाद के दिनों में हुई हिंसा की स्मृतियों को ताजा कर दिया।

अफवाहों व मुठभेड़ से संबंधित जानकारी को सोशल मीडिया पर फैलने से रोकने के लिए दक्षिणी कश्मीर के कई हिस्सों में मोबाइल फोन तथा इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। हालांकि टेलीफोन सेवाओं के बंद होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन विश्वसनीय सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि अफवाहें फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “लश्कर-ए-तैयबा के तीन स्थानीय आतंकवादी मारे गए।” अनंतनाग जिले के अरवानी गांव के एक घर में छिपे आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा के डिविजनल कमांडर अबु दुजाना के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी। राज्य में यह लश्कर के सबसे खूंखार वांछित आतंकवादियों में से एक है।

दुजाना को लेकर परस्पर विरोधी खबरें मिलीं। स्थानीय लोगों का कहना था कि वह मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पैतृक शहर बिजबेहरा के नजदीक स्थित अरावनी गांव के अपने ठिकाने से भाग निकला। सुरक्षा अधिकारियों ने हालांकि इस बात से न तो मना किया और न ही इसकी पुष्टि की कि बुधवार रात घिर गए आतंकवादियों में दुजाना था या नहीं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने अरवानी गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद बुधवार देर रात इलाके को घेर लिया। उसके कुछ घंटों के बाद तड़के गोलीबारी तेज हो गई। अधिकारी ने बताया, “सुरक्षा बलों ने घेरेबंदी बढ़ा दी, जिसके बाद गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। लेकिन, उसके बाद गोलीबारी नहीं हुई। इसके बाद गुरुवार तड़के सूर्योदय होते ही आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी।”

 

 

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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