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मुख्य समाचार

कश्मीर चुनाव : पहले चरण में 10 लाख मतदाता, 123 उम्मीदवार

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मंगलवार को 10 लाख से अधिक मतदाता 123 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। पहले चरण का प्रचार अभियान रविवार को थम चुका है। मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए हजारों सुरक्षाकर्मी और सैकड़ों निर्वाचन अधिकारी सात जिलों के निर्वाचन केंद्रों पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। यहां मंगलवार 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कश्मीर घाटी के दो जिलों- बांदीपुरा और गंदेरबल, लद्दाख क्षेत्र के दो जिलों- कारगिल और लेह और जम्मू क्षेत्र के तीन जिलों- रामबन, डोडा और किश्तवाड़ में मतदान होगा।

इस चरण में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) गठबंधन के लेह, कनगन, सोनवाड़ी, गुरेज, बनिहाल और किश्तवाड़ से सात मंत्री फिर से चुनाव के मैदान में हैं। चुनाव के इस चरण में मात्र दो महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। मंगलवार के मतदान में 5,49,696 पुरुष और 5,00,539 महिला मतदाताओं सहित 10,50,250 मतदाता 15 विधानसभा सीटों के लिए 1,787 मतदान केंद्रों पर मतदान करेंगे।

राज्य में भदेरवा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1,04,354 मतदाता हैं, जबकि सबसे कम 13,054 मतदाता नुबा विधानसभा क्षेत्र में हैं। भदेवरा और बांदीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से सबसे ज्यादा 13-13 उम्मीदवार चुनावी जंग में हैं, जबकि लेह निर्वाचन क्षेत्र से केवल दो उम्मीदवार मैदान में हैं। मंगलवार को मतदान प्रक्रिया सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक चलेगी।

शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव एवं मतदाताओं की सुरक्षा के लिए राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिकों की 275 कंपनियां और राज्य पुलिस के कर्मचारी तैनात किए गए हैं। राज्य की दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों- एनसी और पीपल्स डेमोकेट्रिक पार्टी (पीडीपी) ने चुनाव प्रचार में पूरा दमखम लगाया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने भी बेहतर चुनाव प्रचार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किश्तवाड़ में चुनावी रैली को संबोधित किया था, जिसे सुनने के लिए 30,000 से ज्यादा लोग वहां जुटे थे।

मोदी ने राज्य के लोगों से 50 से भी ज्यादा दिनों से चले आ रहे वंशवादी शासन को खत्म करने की अपील की। राज्य में लगभग आधे दशक से कांग्रेस-एनसी गठबंधन की सरकार है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी रामबन और बांदीपुरा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया था। जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी दोनों जगह एनसी और पीडीपी का चुनाव प्रचार जोरों पर रहा। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने आम आदमी की समस्या, धारा 370, भ्रष्टाचार और राज्य की उदार संस्कृति के संरक्षण जैसे मुद्दों को अपना चुनावी हथियार बनाया है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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