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कर्नाटक में 40000 निजी अस्पताल, क्लीनिक बंद

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बेंगलुरू, 3 नवंबर (आईएएनएस)| कर्नाटक में निजी अस्पतालों के लिए मेडिकल बिल के लिए तय पैसे लेने और डॉक्टरों को दंडित करने से संबंधित प्रस्तावित संशोधन के विरोध में शुक्रवार को डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य में लगभग 40,000 निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डॉ. एच.एन. रविंद्र ने आईएएनएस को बताया, पूरे कर्नाटक में करीब 50,000 निजी डॉक्टर कर्नाटक निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान(केपीएमई) विधेयक, 2017 में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में शुक्रवार को अपने कार्यो से अनुपस्थित रहेंगे।

इस विधेयक में निजी अस्पतालों के लिए पैसे वसूलने के नियम और अस्पतालों को सरकार द्वारा स्थापित मूल्य के स्थान से अतिरिक्त पैसे लेने पर रोकथाम, निजी अस्पतालों के खिलाफ किसी भी तरह की शिकायत से निपटने के लिए शिकायत निपटारा समिति और काम करने में किसी भी तरह की कोताही बरतने पर डॉक्टरों को सजा देने के प्रावधान हैं।

नए विधेयक के साथ केपीएमई अधिनियम 2007 में संशोधन भी प्रस्तावित हैं।

यह विधेयक बेलगावी में नवंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

रविंद्र ने कहा, अगर सरकार इस तरीके से यह कानून लागू करेगी तो डॉक्टर गंभीर मामलों को अपने हाथ में लेने से काफी हिचकेंगे। इस विधेयक में डॉक्टरों को तीन वर्षो की सजा का प्रावधान और पांच लाख रुपये तक के अर्थदंड का प्रावधान है।

भारतीय चिकित्सा परिषद ने पहले से ही डॉक्टरों के लिए नियम बना रखे हैं और यह रोगियों की जांच के दौरान किसी भी तरह की गलती करने से रोकता है। राज्य में डॉक्टरों का संगठन अन्य समिति स्थापित करने के विरोध में है।

रविंद्र ने कहा, राज्य में निजी अस्पतालों को वाणिज्यिक प्रतिष्ठान की तरह माना जाता है। बिजली, पानी और हर कुछ के लिए हम वाणिज्यिक दर पर भुगतान करते हैं और सरकारी अस्पतालों जैसी सब्सिडी हमें नहीं मिलती। इस स्थिति में राज्य सरकार कैसे निजी अस्पतालों की लागत हमपर तय कर सकती है?

विधेयक को ‘कठोर’ बताते हुए राज्य के मेडिकल संगठनों ने इस संशोधन को हटाने की मांग की है।

रविंद्र ने कहा, अगर राज्य सरकार नया मेडिकल कानून लाना चाहती है तो इसमें सरकारी अस्पतालों को भी जोड़ना चाहिए, ताकि सरकारी अस्पताल भी अच्छे हो सकें।

राज्य में 80 प्रतिशत रोगी अपना इलाज कराने के लिए निजी अस्पतालों का रुख करते हैं।

उन्होंने कहा, हम पांच नवंबर को राज्य में सभी मेडिकल संगठनों से मिलेंगे, इसके बाद हम अपने अगले कदम पर निर्णय लेंगे।

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नेशनल

चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण डिप्टी सीएम

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नई दिल्ली। चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। विजयवाड़ा में केसरपल्ली आईटी पार्क में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और बंडी संजय कुमार शामिल रहे। इनके अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और अभिनेता रजनीकांत और चिरंजीवी भी शपथ ग्रहण में मौजूद रहे।

चंद्रबाबू नायडू के बाद जनसेना प्रमुख और एक्टर पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली​​​। चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

आंध्र कैबिनट के इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
पवन कल्याण- जनसेना पार्टी
लोकेश नायडू- टीडीपी
किंजरपु अत्चेन्नायुडू – बीजेपी
कोल्लु रवींद्रन – तेलुगु देशम पार्टी
नदेंडला मनोहर – जनसेना पार्टी
पोन्गुरु नारायण – तेलुगु देशम पार्टी
अनिता वंगलापुड़ी – तेलुगु देशम पार्टी
सत्य कुमार यादव – भारतीय जनता पार्टी
डॉ. निम्मला रमानायडू – तेलुगु देशम पार्टी
एन मोहम्मद फ़ारूक़ – तेलुगु देशम पार्टी
आनंद रमानारायण रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी
पय्यवुला केशव – तेलुगु देशम पार्टी
अनगनि सत्य प्रसाद – तेलुगु देशम पार्टी
कोलुसु पार्थसारधि – तेलुगु देशम पार्टी
डॉ. डी बाला वीरांजनेय स्वामी – तेलुगु देशम पार्टी
गोट्टिपट्टी रवि कुमार – तेलुगु देशम पार्टी
कांडुला दुर्गेश – जनसेना पार्टी
गुम्माड़ि संध्या रानी – तेलुगु देशम पार्टी
बी सी जनारधन रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी
टी जी भरत – तेलुगु देशम पार्टी
एस साविता – तेलुगु देशम पार्टी
वसम्सेट्टी सुभाष – तेलुगु देशम पार्टी
कोंडापल्लि श्रीनिवास – तेलुगु देशम पार्टी
मंडपल्लि राम प्रसाद रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी

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