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ओसीआई, पीआईओ सम्बंधित कार्ड का विलय

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गांधीनगर| प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने कहा है  कि उन्होंने भारतवंशी (पीआईओ) और प्रवासी भारतीयों (ओसीआई) से संबंधित कार्ड का विलय करने के अपने वादे को पूरा कर दिया है। उन्होंने 13वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के दौरान यहां कहा, “मैं यह गर्व से कह सकता हूं कि मैंने जो कहा उसे पूरा किया। मैंने कहा था कि पीआईओ और ओसीआई कार्डधारकों को जीवनर्पयत वीजा मिलेगा और यह काम पूरा हुआ।”

मोदी ने कहा कि सरकार ने भारत में रह रहे पीआईओ कार्ड धारकों को पुलिस थाने से जाने से मुक्ति दिलाई है, क्योंकि यह एक प्रवासी के स्वाभिमान का सवाल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात से आश्चर्य होता है कि इसकी जरूरत ही क्या थी।

उन्होंने कहा कि उनके पीआईओ और ओसीआई कार्ड के विलय का वादा पूरा हो गया है, जो उन्होंने न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में किया था।

मोदी ने कहा कि कुछ छोटे मुद्दे को सुलझाने के बाद इस काम को पूरा किया गया है और इससे पहले जैसा ही लाभ प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि 43 देशों से आगमन पर वीजा के वादे को भी पूरा किया गया है।

मोदी ने कहा कि अलग-अलग देशों में मौजूद भारतीय मिशन प्रवासियों की मदद करेंगे और सरकार भारतीय मिशन के साथ आनलाइन संपर्क के लिए इलेक्ट्रानिक प्राधिकरण की शुरुआत की भी तैयारी कर रही है।

उन्होंने कहा कि पीबीडी केंद्र की शुरुआत भी हो रही है और प्रवासियों के लाभ के लिए जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा।

मोदी ने ‘भारत को जानो’ विषय पर प्रवासी युवाओं के लिए ऑनलाइन क्वीज प्रतियोगिता का भी प्रस्ताव रखा और इसके विजेता को पीबीडी में सम्मानित किया जाएगा।

भारतवंशी नागरिकों के विश्व के सबसे बड़े सम्मेलन 13वें पीबीडी में 4,000 से अधिक प्रतिनिधिमंडल शिरकत कर रहे हैं। इस सम्मेलन का लक्ष्य प्रवासी भारतीयों के बीच संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ व्यावसायिक संपर्क को मजबूत करना है।

भारत से बाहर विभिन्न देशों में 2.5 करोड़ भारतवंशी निवास करते हैं।

सात से नौ जनवरी के बीच गांधीनगर के महात्मा मंदिर परिसर में तीन दिवसीय प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया है। यह महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से वापसी के 100 साल पूरे होने पर ‘सर्वश्रेष्ठ प्रवासी भारतीय’ रूप में मनाया जा रहा है।

महात्मा मंदिर परिसर 60,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है।

प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोतार और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री मैते नकोआना-माशाबाने हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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