Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

खेल-कूद

ओलिम्पिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली महिला बनना है लक्ष्य : निखत

Published

on

Loading

ओलिम्पिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली महिला बनना है लक्ष्य : निखत

हरिद्वार | जूनियर महिला चैम्पियनशिप का खिताब जीत सभी की नजरों में आने वाली तेलंगाना की मुक्केबाज निखत जरीन ने तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा है। वह लगातार अपने खेल को बेहतर करते हुए आगे बढ़ रहीं हैं।

अपने शानदार सीधे पंचों के लिए मशहूर निखत वह करना चाहती हैं जो उनके प्रदेश से आने वाली सानिया मिर्जा, सायना नेहवाल और मुक्केबाजी में देश को प्रतिष्ठा दिलाने वाली मैरी कॉम अब तक नहीं कर पाई हैं। निखत का लक्ष्य ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनना है।

यहां जारी सीनियर महिला मुक्केबाजी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहीं निखत ने  कहा कि उनका अब एक ही लक्ष्य है। वह ओलम्पिक में स्वर्ण हासिल कर इतिहास रचना चाहती हैं।

निखत ने कहा, “मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है, टोक्यो ओलम्पिक-2020 में स्वर्ण पदक जीतना। मुझे भारत के लिए ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनना है। अगर मैं ऐसा कर पाई तो हर ओलम्पिक तक मेरा नाम रहेगा। मैं बूढ़ी भी हो जाऊंगी तो लोग याद रखेंगे की ओलम्पिक में निखत भारत के लिए स्वर्ण हासिल करने वाली पहली महिला थीं।”

51 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने वाली निखत ने मैरी कॉम के साथ विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था, हालांकि वह क्वार्टर फाइनल में चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ हार गई थीं। निखत रियो ओलम्पिक क्वालीफाइंग में 54 किलोग्राम भारवर्ग में गई थीं क्योंकि 51 किलोग्राम भारवर्ग में मैरी कॉम थीं। निखत का कहना है कि वह इस बार कोई कमी नहीं छोड़ेंगी।

उन्होंने कहा, “मैं अब तक अपने प्रदर्शन से खुश हूं। लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा मैं अपनी पूरी कोशिश करुंगी और पूरी तैयारी करूंगी ओलम्पिक में जाने के लिए।”

जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स निखत को इस समय प्रायोजित कर रहा है। हालांकि उनके मुक्केबाजी करियर की शुरुआत की कहानी दूसरों से अलग है। वह इससे पहले एथलेटिक्स में 100 मीटर और 200 मीटर में कई प्रतिस्पर्धा खेल चुकी हैं, लेकिन एक वाकये ने उन्हें रिंग में पहुंचा दिया।

अपनी इस अलग शुरुआत के बारे में निखत बताती हैं, “मैं एथलेटिक्स ट्रेनिंग के लिए गई थी। मैंने वहां खेले जा रहे अर्बन खेलों में देखा की हर खेल में लड़कियां हैं लेकिन मुक्केबाजी में नहीं। मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या मुक्केबाजी लड़कियों का खेल नहीं है, तो उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन हमारे यहां कौन अपनी लड़की को बॉक्सिंग में डालेगा? इसके बाद मैंने अपने पिता से कहा कि मैं मुक्केबाजी करुंगी।”

2009 से मुक्केबाजी की शुरुआत करने वाली निखत ने खेल को समझने और महारत हासिल करने में ज्यादा समय नहीं लिया और एक साल बाद ही 2010 में जूनियर राष्ट्रीय चैम्पिनशिप में स्वर्ण पदक और सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का तमगा हासिल कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।

उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन ने उन्होंने जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का टिकट दिलाया और निखत ने वहां भी स्वर्ण पदक हासिल देश का नाम रोशन किया।

बीए अंतिम वर्ष की छात्र निखत पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पातीं, लेकिन समय मिलने पर वह कॉलेज जरूर जाती हैं। उनकी प्रथमिकता मुक्केबाजी है। सुबह तीन घंटे और शाम को तीन घंटे अभ्यास करने वाली निखत राष्ट्रमंडल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हैं।

मुस्लीम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली निखत को आत में शुरुआत में अपने परिवार के कुछ लोगों की खिलाफत का भी सामना करना पड़ा। परिवार के कुछ सदस्यों का कहना था कि मुक्केबाजी में कोई भविष्य नहीं है, लेकिन निखत ने अपने शानदार खेल से उन्हें गलत साबित कर दिया। निखत ने कहा कि वह अपने समुदाय की दूसरी सानिया मिर्जा बनना चाहती हैं।

निखत बताती हैं, “मैं मुस्लीम समुदाय से आती हूं और जब मैं शुरुआत कर रही थी तो मेरे परिवार वालों का कहना था कि मुक्केबाजी में जाने से क्या फायदा, उसमें कोई भविष्य नहीं है। लेकिन मैंने सबको गलत साबित किया कि मुक्केबाजी में भविष्य है और इसे लड़कियां और मुस्लीम समुदाय की लड़कियां भी कर सकती हैं। सानिया मिर्जा ने भी हमारे हैदराबाद और समुदाय का नाम ऊंचा किया है। मैं भी अपने समुदाय में दूसरी सानिया मिर्जा बनना चाहती हूं और अपना नाम हमेशा के लिए कायम करना चाहती हूं।”

Continue Reading

खेल-कूद

आईपीएल एलिमिनेटर में आज राजस्थान और बेंगलुरु की टक्कर, जो हारा वो जाएगा घर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आईपीएल 2024 के प्लेऑफ के एलिमिनेटर में बुधवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से होगा। एलिमिनेटर मुकाबले से तय होगा कि दोनों टीमों में आगे जाएगा कौन? किसका सफर इस मैच के साथ ही IPL 2024 में खत्म हो जाएगा? एलिमिनेटर जीतने वाली टीम IPL 2024 का क्वालिफायर 2 खेलेगी, जहां उसकी टक्कर क्वालिफायर 1 हारने वाली टीम हैदराबाद के साथ होगी।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु हो या राजस्थान रॉयल्स, दोनों ही टीमों के लिए एलिमिनेटर हारना मना ह। क्योंकि यहां हारे तो कप जीतने का सपना भी चूर हो जायेगा। अब ऐसे मैच में जीत उसी टीम को मिल सकती है, जो दबाव को अच्छे से हैंडल करेगी। वैसे दबाव इस वक्त आरसीबी से ज्यादा राजस्थान रॉयल्स पर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उसने IPL 2024 में मई महीने में अब तक खेले मैचों में एक भी जीत दर्ज नहीं की है। वहीं इसी महीने में RCB की टीम एक भी मुकाबला हारी नहीं है।

राजस्थान 17 अंकों और +0.273 के नेट रन रेट के साथ स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर है। उसने अपने 14 ग्रुप मैचों में से 8 जीते, जबकि आखिरी लीग मैच बारिश की भेंट चढ़ गया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल 2024 में 7 मैच जीते और 7 गंवाए। टीम 14 अंक के साथ चौथे नंबर पर रही, इतने ही अंक चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के भी थे, लेकिन बेहतर रन रेट के कारण बेंगलुरु ने बाजी मारी।

आमने-सामने की लड़ाई में बेंगलुरु का पलड़ा भारी है। अब तक दोनों टीमों के बीच कुल 31 मुकाबले हुए हैं। इनमें से 15 मैच बेंगलुरु ने और 13 राजस्थान ने जीते हैं। 3 मैच का रिजल्ट नहीं निकल सका। प्लेऑफ में, राजस्थान और बेंगलुरु दो बार भिड़े हैं और दोनों ने एक-एक मैच जीता।

संभावित प्लेइंग 11

राजस्थान रॉयल्स : संजू सैमसन (कप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, शिमरोन हेटमायर, रोवमन पॉवेल, रविचंद्रन अश्विन, आवेश खान, ट्रेंट बोल्ट, युजवेंद्र चहल और संदीप शर्मा।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), विराट कोहली, रजत पाटीदार, कैमरून ग्रीन, ग्लेन मैक्सवेल, दिनेश कार्तिक, महिपाल लोमरोर, कर्ण शर्मा, यश दयाल, लॉकी फर्ग्यूसन, मोहम्मद सिराज।

Continue Reading

Trending