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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा से पहले निशा बिस्वाल का भारत दौरा

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वाशिंगटन| भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रस्तावित भारत दौरे से पहले दक्षिण एशिया के लिए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल सोमवार को भारत पहुंच रही हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति ओबामा द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गणतंत्र दिवस का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद भारत में आंतरिक विचार-विमर्श और द्विपक्षीय बैठकों के लिए बिस्वाल के भारत दौरे की घोषणा कर दी।

विदेश विभाग के प्रवक्ता जेफ रैथके ने बताया कि बिस्वाल की 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक की विदेश यात्रा में नेपाल, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान और स्विट्जरलैंड के दौरे भी शामिल हैं। इस लंबी यात्रा की योजना के पीछे के कई कारण हैं।

जेफ ने कहा, “मैं इसे राष्ट्रपति की भारत यात्रा से जोड़ने नहीं जा रहा। यह दौरा बिस्वाल को राष्ट्रपति के दौरे के लिए विकसित किए जा रहे एजेंडे में योगदान का अवसर देता है। लेकिन व्यावाहारिक तौर पर उसका नेतृत्व व्हाइट हाउस करेगा।”

ओबामा के भारत दौरे पर टिप्पणी करते हुए जेफ ने कहा, “जाहिर है हम राष्ट्रपति के भारत दौरे को लेकर उत्साहित हैं।”

उन्होंने कहा, “अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा काफी अच्छी रही। हमारे पास ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां हम सहयोग कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी एक जीवंत और फलदायी द्विपक्षीय साझेदारी है, जिसे हम और आगे ले जाने को उत्सुक हैं।”

जनवरी में प्रस्तावित ओबामा के भारत दौरे को लेकर दो बातें महत्वपूर्ण हैं। पहली यह कि भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति शिरकत करेगा और दूसरी यह कि अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में यह ओबामा की दूसरी भारत यात्रा होगी।

ओबामा का दौरा भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी के नवीनीकरण का प्रतीक है। इससे पहले सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा काफी सफल रही थी, जिस दौरान भारत-अमेरिका के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ा था।

मोदी और ओबामा ने 14 नवंबर को ब्रिस्बेन में ‘जी-20’ शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात की थी।

यह ओबामा का दूसरा भारत दौरा होगा। उन्होंने 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आमंत्रण पर भारत का दौरा किया था और भारतीय संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित भी किया था।

इससे पहले नंवबर 2009 में ओबामा ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में रात्रिभोज के लिए विदेशी मेहमानों में सबसे पहले तत्कालीन प्रधाममंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी का फैसला किया था।

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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